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ड्रैगन की धमकी: कोरोना के नाम पर चीनी नागरिकों को टारगेट कर किया जा रहा परेशान, दुनिया के देश संभल जाएं वर्ना
Covid cases in China: चीन ने अपने यहां से दुनिया के अन्य देशों में जा रहे पैसेंजर्स पर प्रतिबंध पर नाराजगी जताई है। चीन ने उन सभी देशों की निंदा की है जिन्होंने कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता को लेकर प्रतिबंध लगाए हैं। ड्रैगन ने धमकी दी है कि वह इससे भी खतरनाक स्तर पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। दरअसल, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, भारत समेत दुनिया के तमाम देशों ने चीन और उसके आसपास के देशों से आने वाले नागरिकों की आरटी-पीसीआर अनिवार्य कर दी है। इससे चीन बेहद खफा है। चीन इस जनवरी की 8 तारीख से अपने देश में क्वारंटीन भी खत्म करने का ऐलान कर चुका है।
| Published : Jan 03 2023, 04:31 PM IST
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चीन ने कहा- टारगेट कर उसके यात्रियों को परेशान किया जा रहा
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि कुछ देशों ने केवल चीनी यात्रियों को टारगेट कर एंट्री बैन कर दिया है। इन देशों में वैज्ञानिक समझ का अभाव है। प्रतिबंध की ऐसी प्रथाएं चीन को अस्वीकार्य है। ऐसे देशों को पता होना चाहिए कि चीन भी उनके लगाए प्रतिबंधों के आधार पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
एक दर्जन से अधिक देशों ने लगाया है प्रतिबंध
चीन में कोरोना से मचे हाहाकार को देखते हुए एक दर्जन से अधिक देशों ने यात्रा प्रतिबंधित कर दिया है। यही नहीं मोरक्को ने तो चीन से आने वाले किसी भी देश के पैसेंजर्स को बैन कर दिया है। जिन देशों से चीन यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है उसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मोरक्को, फ्रांस, ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जापान, इजराइल, भारत, इटली, साउथ कोरिया और पाकिस्तान शामिल हैं। भारत आने वाले चीन सहित छह देशों के पैसेंजर्स का आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.मनसुख मंडाविया ने बताया कि 1 जनवरी से चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाले अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए हवाई अड्डों पर आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य होगा।
चीन ने क्वारंटीन किया खत्म, जीरो-कोविड पॉलिसी में दी ढील
चीन में कोरोना से मचे हाहाकार के बीच अब विदेशियों के लिए अपने देश की सीमाओं को खोल दिया है। सबसे अहम यह कि चीन में अब क्वारंटीन की पाबंदी हटा दी गई है। 8 जनवरी के बाद से किसी भी विदेशी या देश के पैसेंजर्स को क्वारंटीन में नहीं रहना पड़ेगा। देश में उपजे विरोध को देखते हुए चीनी हुक्मरानों ने यह फैसला लिया है।
नेशनल हेल्थ कमीशन ने डेली डेटा जारी करना किया बंद
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने कहा कि वह कोरोना केसेस की जानकारी नहीं देगा। कोरोना के नए मामले और संक्रमण से होने वाली मौत का डेटा नहीं जारी किया जाएगा। हेल्थ एजेंसी पिछले 3 सालों से हर दिन कोरोना केसेस की डेली रिपोर्ट जारी करती थी। उधर, वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि चीन में संक्रमण के चांस अधिक हैं क्योंकि यहां की अधिकतर बूढ़ी आबादी अभी तक वैक्सीनेट नहीं हुई है। यही नहीं चीन के लोगों में इम्यूनिटी बेहद खराब है। यहां की अधिकतर आबादी वैक्सीनेटेड नहीं है।
चीन में भारतीय युवा डॉक्टर की मौत
चीन में रहने रहे एक भारतीय की कोरोना की वजह से मौत हो गई है। युवक तमिलनाडु का रहने वाला था। उसकी पहचान अब्दुल शेख के रूप में हुई है। अब्दुल ने मेडिकल की पढ़ाई चीन में ही पूरी की थी। बीते 11 दिसंबर को भारत आने के बाद वह कुछ दिनों पहले ही चीन में वापस इंटर्नशिप के लिए गया था। चीन में बीमार पड़ने के बाद उसे आईसीयू में रखा गया था। परिजन विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं।
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