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माता पिता के साथ रहूंगी...कोर्ट में फूट फूटकर रोने लगी महक, PAK में हिंदुओं पर कम नहीं हो रहा जुल्म
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में हिन्दू पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन हिंदू महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आ रहा है। ऐसा ही मामला पिछले दिनों घटित हुआ था। इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई इस दौरान महक कुमारी नाम की हिंदू लड़की ने अदालत में साफ शब्दों में कहा कि वह अपने तथाकथित पति के बजाय अपने माता-पिता के साथ वापस घर लौटना चाहती है। पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को अदालत में पेश मेडिकल दस्तावेजों से यह भी साबित हो गया कि महक नाबालिग है और उसकी उम्र 15 से 16 साल के बीच ही है। सुनवाई के बाद अदालत ने महक को लरकाना स्थित आश्रयगृह भेजने का आदेश दिया और फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
| Published : Feb 08 2020, 03:36 PM IST
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महक, उसके पति अली रजा सोलंगी और महक के माता-पिता अदालत में पेश हुए। इस दौरान अदालत ने महक को सोलंगी और उसके माता-पिता से मिलने के लिए पंद्रह-पंद्रह मिनट का समय दिया।
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मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने बयान में महक ने अदालत से कहा कि इससे पहले की पेशी में उसने जो बयान दिया था, वह उसे बदलना चाहती है क्योंकि वह बयान उसने भावुकता में आकर दिया था। वह अपने माता-पिता के पास वापस जाना चाहती है।
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महक के घरवालों का कहना है कि उनकी बेटी का अपहरण 15 जनवरी को जैकोबाबाद से किया गया था। उसके पिता विजय कुमार ने पुलिस में मामला दर्ज कर कहा था कि सोलंगी ने उनकी बेटी को अगवा कर उससे शादी की है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी बेटी नाबालिग है और उसकी आयु 15 साल है।
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हालांकि महक ने इससे पहले कहा था कि उसने अपनी इच्छा अनुसार परिवर्तन किया था और वह सोलंगी के साथ रहना चाहती है। लेकिन इस बार उसने अपना बयान बदलते हुए माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जाहिर की है।
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गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों की तरफ से गड़बड़ी की आशंका के कारण जैकोबाबाद में कड़ी सुरक्षा की गई थी। जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि लड़की ने इस्लाम स्वीकार कर लिया है, उसका नाम अलीजा है और अब इस फैसले को बदलने नहीं दिया जाएगा और उसे वापस उसके माता-पिता के पास नहीं जाने दिया जाएगा।