सार
कैब ड्राइवर और उसके साथी ने मिलकर गैंगरेप किया बाद में एक मेट्रो स्टेशन के पास छोड़कर दोनों आरोपी फरार हो गए
ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में 18 नवंबर को 23 साल की एक लड़की का ओला कैब ड्राइवर और उसके साथी ने मिलकर गैंगरेप किया। हालांकि घटना के वक्त कैब ड्राइवर ड्यूटी पर नहीं था। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर पीड़िता गुड़गांव में नौकरी करती है उसे गुड़गांव से यमुना एक्सप्रेसवे लाया गया। फिर सुनसान जगह ले जाकर रेप किया गया उसके बाद लड़की को एक मेट्रो स्टेशन के पास छोड़कर दोनों आरोपी फरार हो गए।
यह घटना 18 नवंबर को 8.30 बजे हुई थी। पीड़िता को गुड़गांव से कश्मीरी गेट जाना था वो ओला कैब बुक कर रही थी लेकिन फोन में बैटरी नहीं थी ऑनलाइन बुकिंग करते-करते ही उसका फोन स्विच ऑफ हो गया। पीड़िता को जल्दी घर पहुंचना था उसने हाथ देकर एक कैब को रोका। वो कैब भी ओला की थी। ड्राइवर का नाम मोंटू था लड़की ने मोंटू से पूछा कि क्या वो कश्मीरी गेट चलेगा। ड्राइवर के हां कहने पर वो गाड़ी में बैठ गई कैब चलने लगी।
मोंटू लगातार फोन पर अपने एक दोस्त से बात कर रहा था। रास्ते में उसका दोस्त भी कैब में बैठ गया। उसका नाम राजीव था। फिर उन्होंने कैब का रास्ता बदल दिया। कश्मीरी गेट जाने की बजाय कैब को ग्रेटर नोएडा की तरफ लेकर चले गए। यमुना एक्सप्रेसवे के पास एक सुनसान जगह पर ले जाकर उन्होंने गाड़ी रोकी। फिर लड़की को डराया धमकाया और उसे चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी. फिर एक-एक करके उसके साथ गैंगरेप किया।
लड़की का गैंगरेप करने वाले दोनों ओला ड्राइवर्स
गैंगरेप के बाद वो लोग ओखला बर्ड सेंचुरी मेट्रो स्टेशन के पास पहुंचे। जहां उन्होंने पीड़िता को कैब से उतार दिया और उसके बाद वे फरार हो गए। उस वक्त सुबह के करीब 11.30 बज रहे थे पीड़िता की हालत खराब थी। उसने पास से गुजरने वाले लोगों से मदद मांगी फोन उधार लेकर 100 नंबर डायल किया तो पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पीड़िता ने पूरी घटना बताई। जांच होने पर पता चला कि मामला ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 पुलिस स्टेशन का है। केस को 18 नवंबर की शाम तक बीटा-2 थाने को सौंप दिया गया।
पीड़िता ने कर लिया था चुपके से नंबर नोट
थाने में पीड़िता ने बताया कि उसके पास दोनों आरोपियों में से एक का मोबाइल नंबर है उसने बताया कि जब वो कैब में थी, तब मोंटू और राजीव आपस में पेटीएम से कुछ पैसों का लेन-देन कर रहे थे। उसी दौरान दोनों में से एक ने अपना मोबाइल नंबर दूसरे बंदे को बताया था। तभी पीड़िता ने चुपके से नंबर नोट कर लिया था उसने वो नंबर पुलिस को दिया। पुलिस ने ओला कंपनी को कॉन्टैक्ट किया और नंबर मेल कर नंबर के बारे में जानकारी ली ये भी पूछा कि 18 नवंबर के दिन उस नंबर ने सबसे ज्यादा बार किससे बात की।
ओला कंपनी ने 19 नवंबर के दिन पुलिस को जवाब दिया। बताया कि जो नंबर उन्हें भेजा गया था, वो उनके पास रजिस्टर्ड है। इसके अलावा एक दूसरा नंबर भी दिया। जो कि कैब में सवार दूसरे ड्राइवर का था। वो नंबर भी ओला में रजिस्टर्ड था। यानी मोंटू और राजीव दोनों ही ओला के रजिस्टर्ड ड्राइवर्स थे।
आरोपियों ने पुलिस पर की फायरिंग
ओला ने पुलिस को दोनों ड्राइवर्स के नंबर्स और कैब का नंबर दिया। जिसके बाद पुलिस ने कैब को खोजना शुरू किया। परी चौक के पास 19 नवंबर की शाम पुलिस को वो कैब दिखी उसे रोकने की कोशिश की गई तभी कैब में बैठे मोंटू और राजीव ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की और दोनों को पकड़ लिया दोनों घायल हैं और इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों के पास से एक तमंचा और एक चाकू भी बरामद हुआ है। वहीं लड़की का मेडिकल टेस्ट भी करा लिया गया है।