सार

 भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा के प्रदेश अध्यत्र ओम प्रकाश धनखड़ ने भी किसानों पर दर्ज मामलों को  रद्द करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज एफआईआर को लेकर हरियाणा सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है।

पानीपत (हरियाणा). पिछले एक साल से हजारों किसान तीन कृषि कानून (farm laws repeal bill 2021) को लेकर दिल्ली और हरियाणा बार्डरों पर आंदोलन कर रहे थे। केंद्र सरकार ने बीते दिनों कानून भले ही वापस ले लिए, लेकिन किसानों पर दर्ज एफआईआर पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। जिसको लेकर किसान लंबे समय से मांग कर रहे हैं। अब खबर सामने आई है कि हरियाणा सरकार की ओर से जल्द ही राज्य के जितने भी किसानों पर मामले दर्ज हैं वह वापस हो सकते हैं। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (cm manohar lal khattar) ने इसको लेकर संकेत दिए हैं।

सीएम खट्टर ने मामले वापसी पर यूं दिया जबाव
दरअसल, पत्रकारों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से सवाल किया था कि तीनों कानून तो वापस हो गए, क्या उनपर दर्ज मामले भी रद्द हो सकते हैं। तो इस पर तोमर ने कहा कि यह राज्य सरकारों के अधीन का मामला है, उनको ही इस पर फैसला लेना है। इसके बाद मीडिया ने जब सीएम खट्टर से पूछा तो मुख्यमंत्री ने पॉजिटिव संकेत देते हुए कहा कि यह सही है कि यह एक दम सही है कि किसानों पर दर्ज मामले राज्य सरकार के अधीन आता है। हम इस पर विचार करेंगे। जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी दिए संकेत
वहीं भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा के प्रदेश अध्यत्र ओम प्रकाश धनखड़ ने भी किसानों पर दर्ज मामलों को  रद्द करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज एफआईआर को लेकर हरियाणा सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है। उनपर दर्ज सभी मामलों को निरस्त किया जाएगा।

किसानों पर देशद्रोह समेत कई धाराओं में कस दर्ज
बता दें कि करनाल में पुलिस दो बार किसानों पर हुई लाठीचार्ज कर चुकी है। जिसकी जांच आयोग कर रहा है। हरियाणा में हुए आंदोलन के दौरान किसानों पर देशद्रोह से लेकर हत्या की कोशिश की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया था। जहां किसानों पर कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, हांसी, हिसार और सिरसा समेत कई शहरों में केस दर्ज हैं।

किसान नेता ने सरकार से सामने रखी ये मांगे
वहीं इस मामले पर बीकेयू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसानों पर दर्ज केस वापस लिए जाने की मांग सरकार से की थी। किसान लगातार इस मांग पर अड़े हुए हैं कि किसानों पर दर्ज केस सरकरा वापस ले। उनका कहना है कि उनकी मांग सिर्फ तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाना नहीं थी, एमएसपी पर गारंटी कानून और किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने पर बात हुई थी।

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