सार

हरियाणा में एक लापरवाही का अजीब मामला सामने आया है। जहां मोर्चरी में रखे एक शव को सिविल अस्पताल के स्टाफ ने कोरोना पॉजिटिव समझकर कर मृतक का अंतिम संस्कार दिया। बाद में जब पता चला कि जिसका अंतिम संस्कार किया गया है, वह संक्रमित व्यक्ति नहीं था। 
 

फरीदाबाद. हरियाणा में एक लापरवाही का अजीब मामला सामने आया है। जहां मोर्चरी में रखे एक शव को सिविल अस्पताल के स्टाफ ने कोरोना पॉजिटिव समझकर कर मृतक का अंतिम संस्कार दिया। बाद में जब पता चला कि जिसका अंतिम संस्कार किया गया है, वह संक्रमित व्यक्ति नहीं था। 

हत्या में मारे गए युवक को समझा कोरोना का मरीज
दरअसल, यह घटना फरीदाबाद के एक सिविल अस्पताल से सामने आई है। जहां पोस्टमार्टम के लिए आए शव को कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का शव समझकर अस्पताल ने नगर निगम के हवाले कर दिया था। परिजनों के कहने पर जब शव को ढूंढा गया तो पता चला कि उसका तो अंतिम संस्कार भी हो गया है। पीड़ित परिवार के हंगामे के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

आपसी विवाद में हुई थी युवक की हत्या
बता दें कि जिस युवक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है उसका नाम सोनू खान था, जिसकी शुक्रवार रात आपसी विवाद के चलते हत्या कर दी गई थी।  शनिवार सुबह करीब 10 बजे सोनू के भाई राजू खान और अन्य परिजन पुलिस के साथ अस्पताल पोस्टमॉर्टम कराने पहुंचे तो वहां से शव गायब मिला। 

शराबी युवक करता है पोस्टमार्टम 
अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जब परिजनों ने पता लगाया तो पता चला कि बिना सरकार के अनुमति के  एक शराबी व्यक्ति शवों के पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है। जब उस युवक से बता की तो पता चला कि वह युवक एक शराबी है और अस्पताल का स्टाफ उसको दो चार सौ रुपए देकर काम कराता रहता है।