सार
हरियाणा में विधानसभा चुनाव का सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ चुका है। वोटिंग के लिए महज चंद दिन बचे हैं, इसके बावजूद अभी तक यहां के डेरों, संतों और धार्मिक गुरुओं के संगठनों ने खामोशी अख्तियार कर रखा है। जबकि हरियाणा की सियासत में संतों और डेरा बाबाओं की अच्छी खासी दखल रखते हैं।
चंडीगढ़. हरियाणा में विधानसभा चुनाव का सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ चुका है। वोटिंग के लिए महज चंद दिन बचे हैं, इसके बावजूद अभी तक यहां के डेरों, संतों और धार्मिक गुरुओं के संगठनों ने खामोशी अख्तियार कर रखा है। जबकि हरियाणा की सियासत में संतों और डेरा बाबाओं की अच्छी खासी दखल रखते हैं।
हरियाणा से लेकर पंजाब तक गुरमीत राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा की सियासी तूती बोलती है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस के दिग्गज डेरा सच्चा सौदा के दरबार में जाकर समर्थन की गुहार लगाते रहे हैं। गुरमीत राम रहीम इन दिनों जेल में बंद हैं, लेकिन उनके संगठन ने सियासी मामलों को देखने के लिए एक 15 सदस्यों की समिति गठित कर रखी है।
डेरा सच्चा सौदा का अभी तक किसीपार्टी को समर्थन नहीं
विधानसभा चुनाव में किस राजनीतिक पार्टी को समर्थन देना है, इसका फैसला यह कमिटी ही करती है। डेरा सच्चा सौदा ने अभी तक किसी भी पार्टी के लिए अपने समर्थन का ऐलान नहीं किया है। जबकि उनके अनुवाइयों की बड़ी तादाद हरियाणा में है।
सतलोक आश्रम नाम से डेरा चलाने वाले गुरु रामपाल हरियाणा में जाट के बड़े संत माने जाते हैं, लेकिन फिलहाल नवंबर 2014 से जेल में बंद है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान गुरुराम पाल ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में अभी तक कोई फरमान जारी नहीं हुआ है।
रोहतक के आस-पास की सीटों पर रामपाल के अनुयायियों का अच्छा-खासा प्रभाव है। इसके अलावा हर विधानसभा सीट में हमारे पास 5 से 6 हजार मतदाता हैं, जो रामपाल के कहने पर वोट करते हैं। माना जा रहा है कि 15 अक्टूबर के बाद सतलोक आश्रम चुनाव में समर्थन का ऐलान कर सकता है। रामपाल के कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से अच्छे रिश्ते हैं, ऐसे में कांग्रेस की तरफ एक बार उनका झुकाव हो सकता है।
बीजेपी के नेताओं की लगती है लाइन-
डेरा बाबा श्री बालक पुरी अपने अनुयायियों को किसी खास पार्टी के पक्ष में वोट देने के लिए नहीं कहते है। जबकि इस डेरा का पंजाबी समुदाय में अच्छा प्रभाव माना जाता है और यहां ज्यादातर बीजेपी के नेताओं के आते रहते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद भी पंजाबी समुदाय से आते हैं, ऐसे में डेरा बालक पुरी का झुकाव उनकी तरफ साफ देखा जा सकता है।
रोहतक में गौकरण धाम नाम का एक और डेरा है, जिसका रोहतक, गोहना और इसके सटे इलाकों में रहने वाले पंजाबी समुदाय पर अच्छा प्रभाव माना जाता है। डेरे के मुखिया बाबा कपिल पुरी को कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का समर्थक माना जाता है, इसके बावजूद इस चुनाव में गौकरण धाम का झुकाव बीजेपी की तरफ है और समर्थन देने का संकेत भी दिया है।