सार
सेना में जाने के लिए रोज सुबह दौड़ की तैयारी कर रहे तीन किशाेरों के लिए सोमवार जिंदगी का अंतिम दिन साबित हुआ। रोहतक-हिसार बाईपास पर अन्य लड़कों के साथ दौड़ रहे इन लड़कों को पीछे से मौत बनकर आई कार कुचलकर भाग निकली। मरने वाले लड़कों की उम्र 15 और 17 के बीच थी। हादसे की जानकारी लगते ही उनके परिजन भागे-भागे घटनास्थल पर पहुंचे। अपने बच्चों की लाश देखकर वे होश खो बैठे।
रोहतक, हरियाणा. सेना में जाने के लिए रोज सुबह दौड़ की तैयारी कर रहे तीन किशाेरों के लिए सोमवार जिंदगी का अंतिम दिन साबित हुआ। रोहतक-हिसार बाईपास पर अन्य लड़कों के साथ दौड़ रहे इन लड़कों को पीछे से मौत बनकर आई कार कुचलकर भाग निकली। हादसे की जानकारी लगते ही उनके परिजन भागे-भागे घटनास्थल पर पहुंचे। अपने बच्चों की लाश देखकर वे होश खो बैठे।घटना से आक्रोशित गांववालों ने हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। मौके पर पहुंचे एसडीएम राकेश कुमार और डीएसपी महेश कुमार ने लोगों को समझाया, तब कहीं वे सड़क खोलने को तैयार हुए।
एक साथ दौड़ने जाते थे युवक...
पुलिस के अनुसार, भाली गांव के रहने वाले 17 वर्षीय प्रमोद, 17 वर्षीय प्रवीण और 15 वर्षीय सौरभ सेना में जाने की तैयारी कर रहे थे। वे रोज की तरह सुबह करीब 6 बजे अन्य युवकों के साथ दौड़ की तैयारी कर रहे थे। तभी पीछ से आई कार उन्हें कुचलकर चली गई। बाकी युवकों ने उसका पीछा करने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ने में असफल रहे।
घर के इकलौते थे दो लड़के
गांववालों ने बताया कि सौरभ दो बहनों में इकलौता था। वहीं, प्रवीण पांच बहनों में इकलौता भाई। प्रमोद के एक भाई और बहन है। रक्षाबंधन के पहले किशोरों की मौत ने पूरे गांव में मातम का माहौल पैदा कर दिया। बताते हैं कि जब यह बाईपास बन रहा था, तब लोगों ने खेतों की तरफ जाने अंडरपास या लिंक रोड बनाने की मांग की थी। लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया। तब से अब तक करीब 15 लोगों की मौत हो चुकी है।