सार

पंचकूला के एक एमआरआई एंड सिटी स्कैन सेंटर में लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सेंटर के स्टाफ 59 साल के बुजुर्ग को जांच के लिए एमआरआई मशीन में डालकर भूल गए, जिसे किसी ने बाहर नहीं निकाला।

पंचकूला (चंडीगढ़). आए-दिन हमने देखा है कि देश में कई जगह डॉक्टरों की लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं। इसकी वजह से मरीज का बड़ा नुकसान हो जाता है, कई बार तो उनकी मौत तक हो जाती है। ऐसा ही एक अस्पताल स्टाफ की लापरवाही का मामला पंचकूला में देखने को मिला हैं। जहां वो एक मरीज को एमआरआई मशीन में डालकर भूल गए। 

मरीज को मशीन में अंदर डाला, लेकिन बाहर निकलना भूल गए
दरअसल लापरवाही का यह चौंकाने वाला मामला पंचकूला सेक्टर-6 के एक हॉस्पिटल में सामने आया हैं। जहां अस्पताल स्टाफ 59 साल के बुजुर्ग राम मेहर को एमआरआई एंड सिटी स्कैन सेंटर में जांच कराने के लिए ले गए थे। लेकिन लापरवाही की हद तो देखो उन्होंने बुजुर्ग को मशीन में अंदर तो डाल दिया। लेकिन उसको बाहर निकालना भूल गए।

मशीन के अंदर काफी देर तक छटपटाता रहा बुजुर्ग
आलम ये था कि बुजुर्ग ने मशीन से बाहर निकलने के लिए काफी देश तक मशक्कत करता रहा। लेकिन वह ज्यादा कुछ नहीं कर सका, क्योंकि उसके हांथ-पैर में बेल्ट जो बंधा हुआ था। फिर उसने हिम्मत नहीं हारी और एक आखिरी कोशिश की जिसकी वजह से उसकी बेल्ट टूट गई और वह बाहर निकल आया।

स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचा मामला
मरीज ने अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही की शिकायत राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, डीजी हेल्थ डॉ. सूरजभान कंबोज, और  पुलिस थाने में जाकर की है। पीड़ित ने अपनी शिकायत में लिखा- कि अगर मेरे निकलने में 30 सेकंड की देरी हो जाती तो मेरी मौत भी हो सकती थी।

सेंटर इंचार्ज ने बताई कुछ और वजह
एमआरआई एंड सिटी स्कैन सेंटर के प्रभारी अमित खोखर ने बताया कि मैंने टेक्नीशियन से बात की है। मरीज की 20 मिनट का स्कैन था, उसकी जांच में 2 मिनट समय और रह गया था। लेकन वो बार-बार हिल रहे थे, जिसके लिए  उन्हें हिलने के लिए मना भी किया था। इसी वजह से टेक्नीशियन दूसरे सिस्टम में नोट्स लिख रहा था। लेकिन मरीज 1 मिनट पहले ही बाहर निकलने की कोशिश करने लगा। आखिर में हमारे स्टाफ ने ही मरीज को बाहर निकाला। जब 1 मिनट रह गया था तो टेक्नीशियन ने देखा मरीज आधा बाहर आ गया था। हम सीसीटीवी फुटेज चैक करवा रहे हैं।