सार
बेंगलुरु की एक संस्था न्याय लोगों की कोविड-19 की से जुड़ी परेशानियों में मदद कर रही है। न्याय का मिशन लोगों को सरल, कोरोना से जुड़ी सुविधा, मदद और कानूनी सलाह देना भी है।
हेल्थ डेस्क : भारत में कोविड -19 महामारी की शुरुआत से अबतक इसके 2.99 करोड़ से अधिक पॉजिटिव मामले और 3.86 लाख मौतें हुई हैं। मार्च 2020 से पूरे देश के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों में कई लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाए है। मेंटल और फाइनेशियल रूप से परेशान व्यक्तियों को इस दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। किसी ने अपनी आंखों के सामने अपने घरवालों को मरते देखा, तो कोई अस्पताल का बिल नहीं भर पाने की स्थिति में अपनों की डेड बॉडी भी नहीं ले सका। हाल ही में मध्यप्रदेश के शाजापुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जहां अस्पतास के बिल के 11,200 रुपये नहीं देने पर मरीज को पलंग से बांध दिया गया था। हालांकि बाद में अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया। लेकिन ऐसे कई सारे मामले हमारे सुनने में आए है या हम पर खुद बीते हैं, ऐसे में हम आपको बताते हैं, कि कैसे आप इसकी शिकायत कर न्याय पा सकते हैं...
ये संस्था कर रही लोगों की मदद
बेंगलुरु की एक संस्था विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी ने न्याय हेल्पलाइन की शुरुआत की है, जो लोगों की कोविड-19 की से जुड़ी परेशानियों में मदद कर रही है। न्याय का मिशन लोगों को सरल, कोरोना से जुड़ी सुविधा, मदद और कानूनी सलाह देना भी है। इसमें हेल्पलाइन में 150 से ज्यादा वकील और लॉ वॉलिंटीयर्स शामिल हैं, जो Ask Nyaaya हेल्पलाइन के जरिए फोन पर लोगों की मदद करते हैं। आप www.nyaaya.org पर जाकर या Whatsapp नंबर 9650108107 पर कोरोना या उससे जुड़ी किसी भी समस्या के लिए बात कर सकते हैं।
लोगों के कॉमन सवाल
ऐसे कई लोगों के सवाल सामने आ चुके है, जिसमें पूछा गया था कि क्या बिल बकाया होने पर मरीज को डिस्चार्ज या डेड बॉडी देने से अस्पताल मना कर सकता है ? जिसका जवाब देते हुए हेल्पलाइन के जरिए बताया गया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी पेशेंट राइट चार्टर के अनुसार अस्पताल को बिल का भुगतान नहीं होने पर भी कोविड पेशेंट की डेड बॉडी को रिलीज करना होगा। यहां तक की इलाज के दौरान मरीज को किसी भी समय अस्पताल से जाने का अधिकार है।
इसके साथ ही लोगों के मन में हेल्थ बीमा को लेकर भी कई सवाल हैं, जिसे लेकर कहा गया कि, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) ने सभी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को आदेश दिया है कि वे ऐसी पर्सनल स्टैंडर्ड हेल्थ पॉलिसी लाए जाए, जिसमें कोविड का मेडिकल कवरेज शामिल हो। साथ ही भर्ती होने का खर्च, होम केयर ट्रीटमेंट खर्च और इलाज संबंधी सभी खर्चों को शामिल किया जाए।
घरेलू हिंसा की शिकायत
कोरोना महामारी के दौरान कई परिवार में लड़ाई-झगड़े और मारपीट के मामले दर्ज किए गए है। ऐसे में अगर किसी को इससे संबंधित परेशानी की शिकायत करनी हो, तो वह नीचे लिखे नंबर पर कॉल कर सकते हैं-
- नेशनल कमिशन फॉर वूमन की तरफ के वाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर 0721-7735372
- ऑल इंडिया वूमन हेल्पलाइन फॉर वूमेन इन डिस्ट्रेस 1091
- वूमन हेल्प लाइन फॉर डोमेस्टिक अब्यूज 181
- पुलिस 100
- इमरजेंसी हेल्पलाइन 112
- चाइल्डलाइन इंडिया हेल्पलाइन 1098
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