सार

आम तौर पर 45-50 की उम्र के बीच महिलाओं में मेनोपॉज की अवस्था आने लगती है। इस दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण कारण महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

हेल्थ डेस्क। आम तौर पर 45 से 50 साल की उम्र के बीच महिलाओं में मेनोपॉज की अवस्था आने लगती है। कुछ महिलाओं को इसमें एक-दो साल की देर भी हो सकती है। मेनोपॉज के बाद पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। इसके साथ ही हार्मोन्स में बदलाव आ जाने से भी कुछ शारीरिक-मानसिक समस्याएं भी पैदा होने लगती हैं। अगर समस्या ज्यादा हो तो हार्मोनल थेरेपी लेनी पड़ती है। कई बार मेनोपॉज के बाद वजन तेजी से बढ़ता है। वजन बढ़ने से भी कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं। वैसे तो हार्मोनल थेरेपी से भी वजन पर नियंत्रण हो जाता है, लेकिन अगर मेनोपॉज के बाद ज्यादा समस्याएं नहीं होती हों तो हार्मोनल थेरेपी लेने की कोई जरूरत नहीं पड़ती। हां, इस दौरान वजन बढ़ने पर कुछ घरेलू उपाय अपना कर उस पर काबू पाया जा सकता है। जानें मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने पर क्या करें।

1. रेग्युलर एक्सरसाइज करें
मेनोपॉज के बाद रेग्युलर एक्सरसाइज करना चाहिए। सबसे बढ़िया एक्सरसाइज है सुबह जल्दी उठ कर सैर करना। चाहें तो कुछ जरूरी योगासन भी कर सकते हैं। रेग्युलर एक्सरसाइज करने से शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा फैट कम होने लगता है। इससे वजन नियंत्रित रहता है और मानसिक शांति भी मिलती है।

2. लो कैलोरी फूड लें
मेनोपॉज के बाद कम कैलोरी वाला भोजन करना ठीक रहता है। तेल, घी और मसाले वाला भोजन नहीं करें। अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थ ज्यादा लें। फल और जूस का सेवन नियमित करें। हरी सब्जियां अधिक से अधिक खाएं। मौसमी फल जरूर लें।

3. पूरी नींद लें
मेनोपॉज के बाद अक्सर कुछ मानसिक तनाव भी होने लगता है। ऐसा हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। इसलिए नींद कम आती है। नींद कम आने से कई तरह की परेशानी हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि समय पर सो जाएं। अगर नींद आने में ज्यादा समस्या हो रही हो तो डॉक्टर से मिलना ठीक होगा।

4. घर के काम खुद करें
अपने आप को व्यस्त रखने और शारीरिक गतिविधियां बनाए रखने के लिए घरेलू काम खुद करें। घर की सफाई करें, कपड़े धोएं और किचन में काम करें। इससे फिटनेस बनी रहेगी और वजन नहीं बढ़ेगा।

5. रेड मीट नहीं खाएं
मेनोपॉज के बाद रेड मीट से परहेज करें। मछली खा सकती हैं। अंडे का सिर्फ सफेद हिस्सा खाएं। फास्ट फूड से भी परहेज करें।