सार

दिवाली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सड़कों पर और गलियों में छोटे-छोटे बच्चे आतिशबाजी करते नजर आने लगे हैं। कई बच्चे मना करने के बावजूद पटाखे छोड़ने से बाज नहीं आते। कुछ तो घरों में भी पटाखे छोड़ने लगते हैं। इससे जलने का खतरा हमेशा बना रहता है। 
 

हेल्थ डेस्क। दिवाली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सड़कों पर और गलियों में छोटे-छोटे बच्चे आतिशबाजी करते नजर आने लगे हैं। कई बच्चे मना करने के बावजूद पटाखे छोड़ने से बाज नहीं आते। कुछ तो घरों में भी पटाखे छोड़ने लगते हैं। इससे जलने का खतरा हमेशा बना रहता है। इस त्योहार के दौरान कोशिश यही करनी चाहिए कि बच्चों पर ध्यान रखा जाए और उन्हें पटाखे चलाने से रोका जाए। लेकिन कई बार ऐसा कर पाना संभव नहीं हो पाता है। वैसे भी लाख सावधानी बरती जाए, कभी न कभी मामूली तौर पर ही सही बच्चों के हाथ-पांव जल ही जाते हैं। जलने की गंभीरता अलग-अलग होती है। ज्यादा जल जाने पर अस्पताल ले जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता, लेकिन माइनर बर्न को घरेलू उपायों से ही ठीक किया जा सकता है। जानते हैं, मामूली तौर पर जल जाने के बाद क्या करें।

1. ठंडी सिकाई करें
जली हुई जगह पर ठंडा पानी डालें। पानी तब तक डालते रहें, जब तक आराम न महसूस हो। जल जाने पर फफोले बन जाते हैं। अगर जलते ही वहां ठंडा पानी डाला जाए या जले हुए हिस्से को पानी में डुबा कर रखा जाए तो फफोले नहीं बनते और आराम मिल जाता है।

2. फफोला होने पर क्रीम लगाएं
अगर जलने पर फफोला बन गया हो तो उसे फोड़े नहीं। फफोला इन्फेक्शन से बचाव करता है। अगर फफोला अपने आप फूट जाए तो वहां एंटीबायोटिक क्रीम लगा दें। घर में पहले से ही एंटीबायोटिक क्रीम खरीद कर रखें। जलने से लेकर मामूली फोड़े-फुंसी होने पर भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।

3. एलोवेरा का मॉइश्चराइजर लगाएं
ठंडे पानी से सिकाई करने के बाद जलने वाली जगह पर एलोवेरा का मॉइश्चराइजर लगाएं। इससे काफी आराम मिलता है और घाव बढ़ता नहीं है। दिन में दो से तीन बार इसका इस्तेमाल करें।

4. पट्टी बांधे
अगर ज्यादा जल गया हो तो एंटीबायोटिक क्रीम लगाने के बाद रुई की पट्टी बांध दें। ध्यान रखें कि पट्टी हल्की ही बंधे। पट्टी बांधने से त्वचा सुरक्षित रहती है और उस पर छाले नहीं पड़ते।

5. दर्दनिवारक दवा दें
कई बार जलने पर दर्द ज्यादा होता है। ऐसी स्थिति में घर में कोई दर्दनिवारक दवा लाकर रखें। आइब्युप्रोफेन, नेप्रोक्सेन सोडियम और एसिटमिनोफेन दवाई का कम मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है। जरूरी समझने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।