सार
क्या होता है ओवेरियन कैंसर, कैसे इससे बचा जा सकता है और इसके लक्षण क्या होते हैं आइए हम आपको बताते हैं।
हेल्थ डेस्क : महिलाएं (women) अक्सर अपने गुप्तांगों को लेकर बात करने से कतराती हैं। भले उन्हें कितनी भी समस्या क्यों ना हो वह अपने घर वालों या अपने करीबियों से इस बात को छुपा कर रखती हैं। लेकिन आपकी यही आदत आपके लिए मुसीबत बन सकती है, क्योंकि आपकी छोटी सी लापरवाही आपको कैंसर जैसी बड़ी बीमारी दे सकती है। जी हां, आजकल खराब लाइफस्टाइल और कुछ लापरवाही के चलते महिलाओं में ओवेरियन कैंसर (Ovarian cancer) की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं अंडाशय के कैंसर के बारे में विस्तार से...
क्या होता है ओवेरियन कैंसर
महिला प्रजनन प्रणाली में दो अंडाशय होते हैं। बादाम के आकार के ये अंडे (OVA) हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करते हैं। जब इस जगह कैंसर हो जाता है, तो इसे ओवेरियन कैंसर कहते हैं। इसमें महिलाओं के अंडाशय में बनने वाली कोशिकाओं बढ़ने लगती है। ये कोशिकाएं तेजी से महिलाओं के गुप्तांग में फैलती है और स्वस्थ शरीर के ऊतकों पर आक्रमण और नष्ट कर सकती हैं।
ओवेरियन कैंसर के प्रकार
सेल का प्रकार जहां कैंसर शुरू होता है, यह निर्धारित करता है कि आपको किस प्रकार का डिम्बग्रंथि का कैंसर या ओवरी कैंसर है। इसके प्रकार कुछ तरह है-
एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (Epithelial ovarian cancer)- यह प्रकार सबसे आम है। इसमें कई उपप्रकार शामिल हैं, जिनमें सीरस कार्सिनोमा और म्यूसिनस कार्सिनोमा शामिल हैं।
स्ट्रोमल ट्यूमर (Stromal tumors)- इन ट्यूमर का आमतौर पर अन्य ओवेरियन कैंसर की तुलना में पहले चरण में इलाज किया जाता है।
जर्म सेल ट्यूमर (Germ cell tumors)- ये दुर्लभ डिम्बग्रंथि के कैंसर कम उम्र में होते हैं।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
जब ओवेरियन कैंसर पहली बार विकसित होता है, तो यह कोई ध्यान देने योग्य लक्षण नहीं पैदा करता है। इसे महिलाएं अक्सर नजरअंदाज कर देती है, जिससे ये तेजी से फैल सकता है। इसमें आमतौर पर पेट में सूजन, खाना खाते समय जल्दी भरा हुआ महसूस होना, वजन घटना, पैल्विक एरिया में बेचैनी, थकान, पीठ दर्द, कब्ज, बार-बार पेशाब आना शामिल है।
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ओवेरियन कैंसर की स्टेज
किसी भी कैंसर का पता उसकी स्टेज से चलता है कि वह गंभीर है और कितना फैला है। ओवेरियन कैंसर के स्टेज इस प्रकार है
स्टेज 1- कैंसर एक या दोनों अंडाशयों तक ही सीमित है।
स्टेज 2 - कैंसर श्रोणि तक फैला है।
स्टेज 3 - कैंसर पेट तक फैल चुका है।
स्टेज 4 - कैंसर पेट से बाहर या अन्य अंगों तक फैल चुका है।
ओवेरियन कैंसर से बचाव
ओवेरियन कैंसर को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन आप इसके जोखिम को इन तरीकों से कम कर सकते हैं-
- समय-समय पर महिलाएं ब्लड-कैल्शियम दर की जांच करवाते रहें। अगर ये हाई है, तो Ovarian Cancer होने का जोखिम ज्यादा होता है। इसे सामान्य रखकर इस जोखिम से बचा जा सकता है।
- गर्भनिरोधक गोलियां का सेवन करने से ओवेरियन कैंसर का जोखिम कम होता है। साथ ही ये दवा इसे बंद करने के 30 साल बाद तक भी इस बीमारी के जोखिम को कम करती हैं।
- ट्यूबल लिगेशन (फॉलोपियन ट्यूब्स का बंधाव) और हिस्टेरेक्टॉमी से भी इस कैंसर के होने के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- हेल्दी लाइफस्टाइल और वेट कंट्रोल रखने से अंडाशय कैंसर होने का खतरा कुछ हद तक कम हो जाता है। इसके साथ ही धूम्रपान, तम्बाकू, शराब आदि का सेवन न करें।
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