सार
पैरों या शरीर के दूसरे अंगों में दर्द होना एक आम समस्या है। लेकिन कुछ लोगों को रात में सोते समय पैरों में तेज दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या होती है। कई बार यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि नींद नहीं आती। इस दर्द में पैरों को हिलाने से थोड़ी राहत महसूस होती है।
हेल्थ डेस्क। पैरों या शरीर के दूसरे अंगों में दर्द होना एक आम समस्या है। लेकिन कुछ लोगों को रात में सोते समय पैरों में तेज दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या होती है। कई बार यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि नींद नहीं आती। इस दर्द में पैरों को हिलाने से थोड़ी राहत महसूस होती है। लोग इसे सामान्य दर्द समझ कर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन यह एक अलग ही बीमारी का संकेत है। खास बात यह है कि दर्द से परेशान व्यक्ति जब उठ कर बैठता है तो उसे कुछ राहत महसूस होती है। इस समस्या को रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless legs syndrome (RLS) कहा जाता है। यह दर्द एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह से होता है। फिलहाल, इसकी कोई दवा भी मौजूद नहीं है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह दर्द बढ़ता जाता है। दिन में आराम करने के लिए लेटने पर भी पैरों में दर्द और झननाहट जैसा महसूस होता है। सोते समय होने वाला तेज दर्द सुबह अपने आप ठीक हो जाता है। वैसे, कई बार दिन में भी पैरों में भारीपन बना रहता है। डायबिटीज, आर्थराइटिस और अनिद्रा की समस्या से पीड़ित लोगों को यह दर्द ज्यादा होता है। आयरन, मैग्नीशियम या विटामिन बी की कमी के कारण भी यह समस्या होती है। यह परेशानी होने पर ठीक से नींद नहीं आ पाती, जिससे दिन में थकावट और सुस्ती बनी रहती है। जानें, इसे नियंत्रित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
1. निश्चित समय पर सोएं
यह समस्या होने पर एक निश्चित समय पर सोना और जागना चाहिए। कोशिश करें कि तय समय पर बिस्तर पर चले जाएं। अक्सर जिन्हें यह दर्द होता है, उनके मन में इसे लेकर एक डर समाया रहता है। कोशिश करें कि मन से यह बात निकाल दें। सोने से पहले पैरों को ठीक से धो लें। सोते समय किसी समस्या पर विचार नहीं करें। पैरों को सीधा रखें। कुछ देर बाद जिस करवट आराम मिलता हो, सो जाएं। शुरू में कुछ परेशानी आएगी, पर धीरे-धीरे सोते समय दर्द का एहसास कम होता चला जाएगा।
2. नियमित एक्सरसाइज करें
इस समस्या में नियमित एक्सरसाइज करना जरूरी है। ऐसे एक्सरसाइज करें, जिनसे पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिले। सुबह और शाम टहलना सबसे अच्छा होता है। सुबह पार्क में दो किलोमीटर का चक्कर लगाएं। शाम को भी कम से कम एक-दो किलोमीटर पैदल चलें। इससे सोते समय निश्चित तौर पर दर्द कम होगा।
3. कॉफी और एल्कोहल नहीं पिएं
यह समस्या होने पर कॉफी और एल्कोहल पीने से बचें। कॉफी पीने से नींद आने में परेशानी होती है। वहीं, एल्कोहल से न्यूरोलॉजिकल समस्या बढ़ती है। एल्कोहल के सेवन के बाद कभी जल्दी नी्ंद आ सकती है, पर देर रात नींद खुल भी जाती है और तब दर्द ज्यादा महसूस होता है। इससे शरीर में विटामिन बी की भी कमी हो जाती है। एल्कोहल से डिहाइड्रेशन की समस्या होती है, जिससे मांसपेशियों पर बुरा असर पड़ता है।
4. शाम के बाद पानी कम पिएं
अगर यह समस्या हो तो शाम के बाद कम मात्रा में पानी पिएं। ज्यादा पानी पीने से बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत महसूस होगी और नींद खुल जाएगी। एक बार नींद खुल जाने पर दोबारा नींद आने में परेशानी होती है और दर्द महसूस होता है। इसलिए दिन में ही पर्याप्त मात्रा में पानी पी लें।
5. बॉडी मसाज
बॉडी मसाज कराने से भी इस समस्या में काफी राहत मिलती है। जब दर्द ज्यादा हो तो सरसों के तेल से पैरों पर हलकी मालिश करें। इससे मांसपेशियों की जकड़न कम होती है और दर्द में आराम मिलता है। गर्मी के दिनों में पैरों पर बर्फ से भी मसाज कर सकते हैं, लेकिन सर्दियों में यह करना ठीक नहीं होगा। जहां भी ज्यादा दर्द हो, वहां बर्फ से मसाज करने पर काफी आराम मिलता देखा गया है।