सार

हाल ही में हुई एक रिसर्च स्टडी में खुलासा हुआ है कि प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करने पर जन्म लेने वाली बेबी गर्ल पर आगे चल कर बहुत बुरा असर पड़ता है।

वॉशिंगटन। हाल ही में हुई एक रिसर्च स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करने पर पैदा लेने वाली लड़की के विकास पर बहुत पर बुरा असर पड़ता है। उसमें टेस्टोस्टेरोन एक्पोजर का खतरा बढ़ जाता है, जो उसके स्वास्थ्य में कई तरह की जटिलताएं पैदा कर देता है। प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करने से गर्भ में पल रही बच्चियों में पुरुषत्व के लक्षण पैदा होने लगते हैं, जिससे आगे चल कर उनके रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर बुरा असर तो पड़ता ही है, उनमें हारमोन्स से जुड़ी समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। यह स्टडी यूरोपियन पीडियाट्रिक सोसाइटी ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी की 58वीं एनुअल मीटिंग में प्रस्तुत की गई।

क्या सामने आया रिसर्च स्टडी में
इस रिसर्च स्टडी में सामने आया कि प्रेग्नेंसी के दैरान सिगरेट पीना खास कर तब ज्यादा खतरनाक हो जाता है, जब गर्भ में लड़की हो। ऐसे तो सामान्य तौर पर स्मोकिंग करना किसी के लिए भी नुकसानदेह बताया गया है, पर प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग कभी नहीं करनी चाहिए। लेकिन जिन औरतों को स्मोकिंग करने की आदत है, वे प्रेग्नेंसी के दौरान भी स्मोकिंग करने से बाज नहीं आती हैं। इससे गर्भ में पल रहे फीमेल भ्रूण पर सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ता है। अगर कोई प्रेग्नेंट महिला खुद स्मोकिंग नहीं करती, लेकिन उसके आसपास रहने वाले लोग स्मोकिंग करते हैं तो इससे भी उतना ही खतरा होता है।

एंडोक्राइन में होता है असंतुलन
स्टडी में पााय गया कि स्मोकिंग से एंडोक्राइन में असंतुलन पैदा हो जाता है। इससे बेबी गर्ल में मेल हारमोन्स बनने की संभावना बढ़ जाती है, जिसका असर बाद में दिखाई पड़ता है। ऐसी लड़कियों को क्रॉनिक रिप्रोडक्टिव डिजीज होने की संभावना होती है और गर्भ धारण करने में उन्हें समस्या हो सकती है। यह उनकी फर्टिलिटी और मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित करता है।

कहां हुई यह स्टडी
यह स्टडी टर्की के सिगली स्टेट ट्रेनिंग हॉस्पिटल में हुई। रिसर्च स्टडी के मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर डेनिज ओजाल्प किजले और उनके साथी शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने स्मोकिंग करने वाली महिलाओं के 56 नवजात लड़कियों और 64 नवजात लड़कों का अध्ययन करने के बाद यह पाया कि लड़कियों के जननांग सामान्य नहीं थे। समय के साथ उनमें गड़बड़ी आ सकती थी, जिससे उन्हें गर्भधारण के साथ अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता था। वहीं, शोधकर्ताओं का कहना था कि लड़कों में इस तरह की कोई असामान्यता नहीं देखी गई। 

क्या पाई गई असामान्यता
मेडिकल तकनीकी भाषा में इस असामान्यता को  AGD यानी Anogenyal distance कहते हैं। इसमें एनस यानी गुदा से जेनिटल के बीच के प्वाइंट का मेजरमेंट कर निष्कर्ष निकाला जाता है। उन बेबी गर्ल्ज में  AGD असामनान्य पाया गया जिनकी मां प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करती थीं, पर जो स्मोकिंग नहीं करती थीं, उनमें यह सामान्य था। यह रिसर्च स्डडी करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि लड़कियों के स्वास्थ्य को पहुंचने वाले गंभीर नुकसान और उनके रिप्रोडक्टिव सिस्टम में होने वाली असामान्यता को देखते हुए प्रेग्नेंट महिलाओं को कभी भी स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए।