सार
आजकल सेनेटाइजर का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। इसका इस्तेमाल खास कर अस्पतालों में ज्यादा होता है। डॉक्टर्स और दूसरे स्वास्थ्य कर्मचारी अक्सर साबुन से हाथ धोने की जगह सेनेटाइजर का ही यूज करते हैं।
हेल्थ डेस्क। आजकल सेनेटाइजर का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। इसका इस्तेमाल खास कर अस्पतालों में ज्यादा होता है। डॉक्टर्स और दूसरे स्वास्थ्य कर्मचारी अक्सर साबुन से हाथ धोने की जगह सेनेटाइजर का ही यूज करते हैं। इसका इस्तेमाल करना ज्यादा सुविधाजनक है। अब लोग घरों में भी सेनेटाइजर रखने लगे हैं। माना जाता है कि सेनेटाइजर से हर तरह के कीटाणु आसानी से नष्ट हो जाते हैं और इसके इस्तेमाल से इन्फेक्शन फैलने की संभावना नहीं रहती है। लेकिन साल 2011 में अमेरिका में एपिडेमिक इंटेलिजेंस सर्विस द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सेनेटाइजर के इस्तेमाल से कई तरह के नुकसान भी होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना था कि वे डॉक्टर और हेल्थ वर्कर जो सेनेटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उनमें नोरो वायरस का संक्रमण आसानी से हो सकता है। साथ ही, ऐसे लोग आंत्रशोथ बीमारी के भी शिकार हो सकते हैं।
1. रूखी हो जाती है स्किन
सेनेटाइजर में ट्राइक्लोसान नाम का एक केमिकल होता है, जो त्वचा पर तुरंत सूख जाता है। यह त्वचा में रूखापना पैदा करता है। यही नहीं, अधिक इस्तेमाल से यह त्वचा के जरिए खून में मिल जाता है और मांसपेशियों पर भी बुरा असर डालता है।
2. खुजली और जलन की समस्या
सेनेटाइजर में बेंजाल्कोनियम क्लोराइड होता है। यह भी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। इससे खुजली और जलन जैसी समस्या पैदा होती है। सेनेटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल करने पर त्वचा पर पपड़ियां पड़ने लगती हैं।
3. गंभीर बीमारियों की बन सकता है वजह
सेनेटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल से कई तरह की गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इसमें खुशबू के लिए फैथलेट्स नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। इसका असर स्वास्थ्य पर घातक हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सेनेटाइजर के ज्यादा उपयोग से लिवर, किडनी, फेफड़ों और प्रजजन तंत्र को नुकसान हो सकता है। इसमें बिस्फेनॉल ए नाम का केमिकल भी होता है, जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है। इसलिए सेनेटाइजर का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। इसकी जगह साबुन से हाथ धोना चाहिए।