सार

बदलते समय के साथ लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा है। पहले लोग मेहनत-मश्क्कत वाले काम ज्यादा करते थे, लेकिन अब ज्यादातर लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं। वहीं, मानसिक दबाव भी बढ़ा है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-सैनफ्रांसिस्को की एक रिसर्च स्टडी से यह पता चला है कि हफ्ते में 5 घंटे भी अगर फिजिकल एक्टीविटीज की जाए, तो कई बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।

हेल्थ डेस्क। बदलते समय के साथ लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा है। पहले लोग मेहनत-मश्क्कत वाले काम ज्यादा करते थे, लेकिन अब ज्यादातर लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं। वहीं, मानसिक दबाव भी बढ़ा है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-सैनफ्रांसिस्को की एक रिसर्च स्टडी से यह पता चला है कि हफ्ते में 5 घंटे भी अगर फिजिकल एक्टीविटीज की जाए, तो कई बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। स्टडी के मुताबिक, कम उम्र में एक्सरसाइज करने से ज्यादा फायदा होता है। ऐसा देखने में आता है कि उम्र बढ़ने के साथ लोग फिजिकल एक्टीविटीज कम करते हैं। 

किन बीमारियों का खतरा ज्यादा
फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज नहीं करने से आगे चलकर कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जिन्हें 'साइलेंट किलर' कहा जाता है। इनमें टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, हाइपरटेंशन वगैरह शामिल हैं। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और ज्यादा उम्र के लोगों में डिमेंशिया जैसी समस्या भी पैदा हो सकती है। कई बार इनके घातक परिणाम सामने आते हैं। नियमित फिजिकल एक्टिविटी से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, डायबिटीज और कई तरह के कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इससे हाइपरटेंशन को रोकने में भी मदद मिलती है और वजन को नियंत्रित रखने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी ठीक रखा जा सकता है। 

क्या मानना है WHO का
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का मानना है कि 18 से 64 साल के लोगों को सप्ताह में कम से कम 150 से लेकर 300 मिनट तक हल्की एरोबिक एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसके अलावा, 55 से 150 मिनट तक ज्यादा मेहनत वाली फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-सैनफ्रांसिस्को (UCSF) के बेनिऑफ चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की एक स्टडी में कहा गया है कि सप्ताह में 5 घंटे की एक्सरसाइज करने से उम्र बढ़ने पर हाइपरटेंशन और इससे जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है।

5000 वयस्क लोगों पर हुई स्टडी
अमेरिकन जर्नल फॉर प्रिवेन्टिव मेडिसिन (American Journal of Preventive Medicine) में प्रकाशित स्टडी में शोधकर्ताओं ने 18 से लेकर 30 साल की उम्र तक के लोगों का करीब 30 साल तक पर्यवेक्षण किया। इसमें उनके एक्ससाइज के तरीकों, मेडिकल हिस्ट्री, स्मोकिंग, ड्रिंकिंग की आदत, ब्लड प्रेशर और वेट को मॉनिटर किया गया। इस रिसर्च में यह पाया गया कि 17.9 फीसदी लोग जो कम उम्र से ही हल्की एक्सरसाइज कर रहे थे, उनमें हाइपरटेंशन की समस्या नहीं थी। वहीं, देर से एक्ससाइज करने वालों में इसका खतरा कुछ बढ़ा पाया गया।

रिसर्च के परिणाम
इस रिसर्च से यह जाहिर होता है कि जो लोग कम उम्र में एक्सरसाइज शुरू कर देते हैं, उनमें ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, स्ट्रोक और आगे चल कर डिमेंशिया का खतरा नही रह जाता। इसके अलावा, जो लोग इन समस्याओं के शिकार हैं, उन्हें नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज और लिपिड की जांच करवानी चाहिए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि युवा लोगों को मॉडरेट एक्सरसाइज के साथ कुछ कठिन एक्सरसाइज भी जरूर करना चाहिए। इसका आगे चल कर हेल्थ पर अच्छा असर देखने को मिलता है।