सार
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पिछले कई दिनों से पॉल्यूशन काफी बढ़ गया है। पॉल्यूशन से जहां सांसों की बीमारी और दूसरी कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, वहीं इससे तनाव और डिप्रेशन भी बढ़ता है। एक रिसर्च से इसका पता चला है।
हेल्थ डेस्क। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पिछले कई दिनों से पॉल्यूशन काफी बढ़ गया है। पॉल्यूशन से जहां सांसों की बीमारी और दूसरी कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, वहीं इससे तनाव और डिप्रेशन भी बढ़ता है। एक रिसर्च से इसका पता चला है। एन्वॉयरन्मेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स में प्रकाशित शोध लेख के अनुसार, एयर पॉल्यूशन से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी खराब होता है। इससे स्ट्रेस का लेवल बढ़ता है और डिप्रेशन जैसी समस्या होने लगती है।
युवा खास तौर पर हो रहे प्रभावित
बढ़ते वायु प्रदूषण से युवाओं में तनाव ज्यादा बढ़ रहा है। इसकी वजह यह बताई गई कि उन पर ऐसे भी काम का दबाव ज्यादा रहता है। हवा में मौजूद जहरीले कणों के सांस के जरिए शरीर में जाने पर वह दिमाग की कोशिकाओं पर भी बुरा असर डालता है और दिमाग में खून की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाती। साल 2018 में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया था कि वायुमंडल में पीएम 10 और पीएम 2.5 में मामूली बढ़ोत्तरी होने पर भी मानसिक तनाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। अभी इस संबंध में और भी रिसर्च जारी है।
क्या करें
डॉक्टरों का कहना है कि इससे बचने के लिए जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर नहीं निकलें। बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल करें। तुलसी और अदरक की चाय पिएं। ग्रीन टी का ज्यादा सेवन करें। शराब नहीं पिएं और धूम्रपान करने से बचें। तनाव और डिप्रेशन में मेडिटेशन करने से भी लाभ होता है। ऐसे फल ज्यादा खाएं जो शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हों।