सार

सेक्सोमनिया बीमारी में मरीज के अंदर गुस्सा, डर, ग्लानि, घृणा और शर्म जैसी भावनाएं घेरने लगती हैं। जिसकी वजह से उसका रिलेशनशिप भी प्रभावित होता है। वो नींद में दूसरे को सेक्सुअली नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं इसके केस, लक्षण और ट्रीटमेंट।

हेल्थ डेस्क. आपने नींद में चलने, बात करने की बीमारी के बारे में तो सुना ही होगा। इस बीमारी को स्लीपिंग डिसऑर्डर कहा जाता है। ठीक उसी तरह नींद में मरीज सेक्सुअली एक्टिव हो जाता है और जागने पर उसे कुछ याद नहीं रहता है। इस बीमारी को सेक्सोमनिया ( Sexsomnia) यानी स्लीपिंग सेक्स डिसऑर्डर कहते हैं। सेक्सोमनिया से पीड़ित मरीज नींद में ही मास्टरबेट करता है, इतना ही नहीं वो अपने पार्टनर के साथ सेक्स भी करने लगाता है। इस दौरान उसकी आंखें खुली होती है,जिससे लगता है कि वो जग रहा है। सुबह होने पर वो तमाम बातों को भूल जाता है।

ऐसी कई केसेज सामने आता हैं जिसमें इस बीमारी के परिणाम सामने आते हैं। सेक्सोमनिया से पीड़ित व्यक्ति के रिलेशनशिप भी प्रभावित होते हैं। मरीज में गुस्सा,कंफ्यूजन, ग्लानि, डर, घृणा और शर्म जैसी नकारात्मक भावनाएं घेरने लगती हैं। रात में पार्टनर के साथ कुछ ऐसा कर बैठता है जिससे सुबह में आंख मिलाने में उसे शर्म आती है। कई बार उसपर यौन शोषण का भी आरोप लग सकता है। 

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा होती है यह बीमारी

अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में सेक्सोमनिया के लक्षण प्रदर्शित होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है। पुरुषों में व्यवहार की संभावना अधिक स्पष्ट होती है, शायद अधिक आक्रामक। महिलाओं में मास्टरबेट करने की संभावना अधिक होती है।

सेक्सोमनिया का केस

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ  मेडिसीन पर पब्लिस एक रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2015 में उन्हें एक केस मिला। जिसमें पति ने अपनी पत्नी की यौन व्यवहार की शिकायत की थी। दरअसल रात में जब पति उसके साथ रिश्ता बनाता था तो वो चिल्लाने लग जाती थी। इतना ही नहीं वो रात में अपनी पत्नी को मास्टबेशन करते हुए भी देखा। जब वो अगली सुबह उससे पूछा तो उसने बताया कि उसे कुछ याद नहीं हैं। साल 2005 से वो अपनी पत्नी के अंदर इस बदलाव को देख रहा था। महीने में दो बार ऐसा होता था।पांच साल तक उसे यह विश्वास करने में लग गया कि उसकी पत्नी के साथ कुछ गड़बड़ है। साल 2010 में उसने मेडिकल सहायता ली। तमाम टेस्ट के बाद पता चला कि महिला को सेक्सोमनिया है। वैसे तो यह बीमारी काफी रेयर है। भारत में साल 2008 में इसका पहला केस सामने आया था।

सेक्सोमनिया के लक्षण-

- नींद में जागना और फिर सुबह में उठने के बाद चीजें याद नहीं रहना
- सो रहे पार्टनर के साथ जबरदस्ती सेक्स करना
- सेक्स के दौरान इमोशनलेस होना
- नींद में मास्टरबेट करना
- नींद में गंदी भाषा का प्रयोग करना 
- असामान्य सेक्सुअल रिस्पांस या ज्यादा एग्रेसिव  होना
- नींद में कराहना

सेक्सोमनिया को ट्रिगर करने वाले कारण

-ज्यादा शराब पीना
-ड्रग्स की लत
-तनाव, डिप्रेशन
-पूरी नींद नहीं लेना
-सिर पर चोट लगना
-अल्जाइमर 
-अवैध दवाओं का उपयोग
-शिफ्ट का काम, विशेष रूप से उच्च तनाव वाली नौकरियां, जैसे कि सैन्य या अस्पताल का काम
-किसी के साथ बिस्तर साझा करना,

सेक्सोमनिया का ट्रीटमेंट

अगर आपके पार्टनर या किसी में इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत सेक्सोलॉजिस्ट के पास ले जाना चाहिए।  इसके अलावा अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। अधिकांश रिपोर्ट में देखा गया है कि मरीज जब अच्छी नींद लेता है तो सेक्सोमनिया के लक्षण कम या दूर हो गए थे। इसके अलावा कुछ दवाएं उन्हें दी जाती है। लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी इसपर काबू पाया जा सकता है।

सेक्सोमनिया से पीड़ित कुछ लोगों ने रात में अकेले अपने बेडरूम में खुद को बंद करके या अपने बेडरूम के दरवाजे पर अलार्म सिस्टम लगाकर समस्याग्रस्त लक्षणों को कम किया। अगर कोई इस बीमारी से पीड़ित है तो उसे रात में अकेले सोना चाहिए। ताकि वो किसी और को सेक्सुअली नुकसान ना पहुंचाए।

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