सार

एक महिला को यकीन नहीं हो रहा था कि वो प्रेग्नेंट हैं। थकान को लेकर इलाज कराने अस्पताल पहुंची थी लेकिन जब डॉक्टर ने बताया कि वो प्रेग्नेंट है तो दंग रह गई। 48 घंटे के अंदर उसने बच्चे को जन्म दे दिया।

हेल्थ डेस्क. वो 30 हफ्तों से प्रेग्नेंट थी लेकिन उसे पता नहीं था कि वो मां बनने वाली है। जॉब की थकान समझकर जब वो अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर ने उसे यह खुशखबरी दी। लेकिन उसे यकीन नहीं हुआ और उसने दोबारा टेस्ट कराया। जब पुष्टि हुई तो उसने तुरंत इमरजेंसी में सी-सेक्शन कराया और एक बच्चे को जन्म दिया। मामला अमेरिका के नेब्रास्का राज्य की है। 

ओहामा की रहने वाली 23 साल की महिला टीचर पेटन स्टोवर को कई दिनों से थकान महसूस हो रही थी। उसे लगा कि जॉब की वजह से स्ट्रेस महसूस हो रहा है। जिसके बाद वो डॉक्टर के पास पहुंची। लेकिन वहां डॉक्टर ने उसका टेस्ट किया तो पता चला कि वो प्रेग्नेंट हैं। एक मीडिया हाउस से बातचीत में पेटर ने बताया कि मैं फर्स्ट-ईयर की टीचर हूं। काम के दौरान काफी थकान महसूस करती थी। मुझे लगा कि यह नॉर्मल है। पैरों में सूजन भी था। जिसके बाद वो डॉक्टर के पास गई। शरीर में हो रहे बदलाव और सूजन के लक्षण को देखकर डॉक्टर ने कहा कि आप प्रेग्नेंट हैं।

दोबारा कराया टेस्ट

पेटर को यकीन नहीं हुआ। वो बताती हैं कि इसके बाद दोबारा टेस्ट कराया। प्रेग्नेंसी रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव थी। इसके बाद अल्ट्रासाउंड हुआ और डॉक्टर ने स्क्रीन को देखते हुए कहा कि आप वाकई प्रेग्नेंट हैं। मैं दंग थी क्योंकि यह खुशी के साथ चिंता वाली भी बात थी। मेरी किडनी ने काम करना बंद कर दिया था और लीवर भी नहीं ठीक था। डॉक्टर ने जब टेस्ट किया तो पता चला कि उसे  preeclampsia नाम का डिसऑर्डर है।

लीवर और किडनी ने काम करना कर दिया था बंद

ऐसे प्रेग्नेंसी कंडीशन को  toxemia कहते हैं। ऐसे कंडीशन में प्रेग्नेंट महिला को सीरियस कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर और ऑर्गन सिस्टम खराब हो सकता है। लीवर और किडनी का खराब होना इसके संकेत होते हैं। इसके बाद पेटर को तुरंत इमरजेंसी में भर्ती किया गया और सी-सेक्शन को शेड्यूल किया गया। थकान का इलाज कराने पहुंची पेटर ने 48 घंटे के भीतर एक बच्चे को जन्म दिया। वहीं पेटर के ब्वॉयफ्रेंड ने बताया कि डॉक्टर ने पेटर को तुरंत एडमिट कर लिया। उसने रात में बच्चे को जन्म दिया। यह सबकुछ बहुत डरावना था।

पेटन का बच्चा प्री-मेच्योर था। वो डिलीवरी के तय मानक से 10 हफ्ते पहले आ गया। उसका वजन मात्र 1.8 किलोग्राम था। उसे निगरानी में रखा गया। पेटर ने बताया कि जब उसका हाथ चूमा और अपना दूध पिलाया तब मुझे एहसास हुआ कि वाकई ये मेरा बच्चा है। बच्चे का नाम उन्होंने कश रखा।

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