सार

कैंसर एक लाइलाज बीमारी है। अगर शुरुआती स्टेज में इसका पता चल जाता है, तो इसकी रोकथाम संभव है। इस बीमारी के कारणों का पता पूरी तरह नहीं चल पाया है। इसमें कोशिकाओं असामान्य विकास होने लगता है और ट्यूमर बन जाते हैं। कुछ उपायों को अपना कर इससे बचाव संभव है। 

हेल्थ डेस्क। कैंसर एक लाइलाज बीमारी है। अगर शुरुआती स्टेज में इसका पता चल जाता है, तो इसकी रोकथाम संभव है। इस बीमारी के कारणों का पता पूरी तरह नहीं चल पाया है। इसमें कोशिकाओं असामान्य विकास होने लगता है और ट्यूमर बन जाते हैं। कुछ उपायों को अपना कर इससे बचाव संभव है। डॉक्टर और चिकित्सा वैज्ञानिक कैंसर की कई वजहें बतातें हैं। लेकिन इनमें प्रमुख है आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी आदतें और पर्यावरण का लगातार बिगड़ते चला जाना। इनमें तंबाकू और शराब का सेवन, जेनेटिक वजहें, वायरस का संक्रमण, खान-पान में पोषक तत्वों की कमी, पर्यावरण में बढ़ता प्रदूषण आदि भी हैं। अगर कैंसर के कारणों का ठीक-ठीक पता चल जाए तो चिकित्सा वैज्ञानिक इसका सही और कारगर इलाज ढूंढ सकेंगे। बहरहाल, कुछ बातों का खास ख्याल रखने पर इस बीमारी से बचाव संभव है। जानते हैं इनके बारे में। 

1. पत्तेदार सब्जियों और फलों का सेवन
कैंसर से बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा पत्तेदार सब्जियों और फलों का उपयोग करें। हरी सब्जियों और फलों में फाइबर काफी मात्रा में मौजूद होता है। इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, एवाकाडो, गाजर और दूसरी मौसमी सब्जियां और फल जरूर खाएं। इससे कैंसर से बचाव में मदद मिलती है।

2. मीठा कम खाएं
कई अध्ययनों से यह बात सामने आई है कि ज्यादा मीठे के सेवन से भी कैंसर होने की संभावना रहती है। खास कर ज्यादा मीठा खाने से महिलाओं में कोलोरेक्टल कैंसर की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

3. ऑलिव या कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल
आम तौर पर खाने में ज्यादा तेल के इस्तेमाल से नुकसान होता है। इस बात की भी कोई गारंटी नहीं होती कि तेल शुद्ध ही है। इसलिए कम तेल का इस्तेमाल करें और हो सके तो खाने में कोकोनट ऑयल या ऑलिव ऑयल का ही ज्यादा यूज करें।

4. मोबाइल फोन और गैजैट्स का कम इस्तेमाल
कैंसर के लिए पराबैंगनी किरणें भी जिम्मेदार मानी गई हैं। मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से भी ऐसी किरणें निकलती हैं, जो नुकसानदेह मानी गई हैं। इसलिए मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के गैरजरूरी इस्तेमाल से बचना चाहिए।

5. गर्भनिरोधक गोलियां
लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल से भी औरतों में हारमोन्स से जुड़ा असंतुलन पैदा होता है और स्तन कैंसर होने की संभावना बढ़ती है। इसलिए कभी इन गोलियों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और गर्भनिरोध के प्राकृतिक तरीके अपनाने चाहिए। हार्मोलन थेरेपी लेने से भी बचना चाहिए।

6. मोटापा
मोटापा और अधिक वजन को भी कैंसर का एक कारण माना गया है। इसलिए मोटापे से बचना चाहिए और वजन को हमेशा संतुलित बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।

7. प्रदूषण भरे माहैल में नहीं रहें
वैसे यह तो पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन फिर भी कोशिश करनी चाहिए कि प्रदूषण भरे माहैल में नहीं रहें। वातावरण में फैला प्रदूषण कैंसर की एक प्रमुख वजह है।

8. भरपूर नींद लेना
किसी भी वयस्क व्यक्ति को 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। कम से कम 7 घंटे तक तो जरूर सोना चाहिए। इससे कम नींद लेने की स्थिति में तरह-तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं पैदा होती हैं, जिनसे कैंसर होने का खतरा भी रहता है।

9. धूम्रपान और शराब से दूरी
तंबाकू और शराब को कैंसर का एक बड़ा कारण माना गया है। ज्यादा शराब पीने से लिवर का कैंसर होता है, जिसका कोई इलाज नहीं है। वहीं, तंबाकू के सेवन से ओरल कैंसर से लेकर फेफड़ों तक का कैंसर होता है। इसलिए इन नशीली चीजों के सेवन से बचना चाहिए।

10. भावनात्मक कमजोरी
कुछ लोग भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं। भावुक होना एक गुण माना गया है, लेकिन अधिक भावुकता से कई तरह की मानसिक उलझनें और परेशानियां पैदा होती हैं। इसका असर शरीर पर इतना बुरा होता है कि कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है, क्योंकि मानसिक समस्याओं से इम्युनिटी कमजोर हो जाती है।