सार
दूसरे चरण की सियासी जंग फतह करने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है दूसरे चरण 20 सीटों पर 7 दिसंबर को मतदान होंगे पिछले चुनाव में बीजेपी और जेएमएम के बीच इन बीस सीटों पर कांटे का मुकाबला रहा था और दोनों पार्टियां बराबर सीटें जीतने में कामयाब रही थी
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की सियासी जंग फतह करने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। दूसरे चरण 20 सीटों पर 7 दिसंबर को मतदान होंगे पिछले चुनाव में बीजेपी और जेएमएम के बीच इन बीस सीटों पर कांटे का मुकाबला रहा था और दोनों पार्टियां बराबर सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
हालांकि इस बार बदले हुए समीकरण में पिछले बार एक साथ लड़ने वाले बीजेपी और जेएमएम एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोककर मैदान में हैं। वहीं, विपक्षी पिछले चुनाव में अलग-अलग लड़ा था, लेकिन इस बार एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरा है इसके चलते बीजेपी के लिए जहां अपनी सीटों को बचाने की चुनौती है। वहीं विपक्ष को अपनी सीटें बढ़ने की उम्मीदें नजर आ रही हैं ऐसे में देखना है कि दूसरे चरण में कौन बाजी मारता है।
बता दें कि 2014 के चुनाव में बीजेपी विपक्षी दलों के बिखराव के बाद भी इस इलाके में जेएमएम से ज्यादा सीटें नहीं जीत सकी थी। दूसरे चरण की जिन 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उन पर 2014 के चुनाव में आठ-आठ सीटों पर बीजेपी और जेएमएम ने कब्जा जमाया था जबकि, दो सीटें आजसू ने जीती थी और दो सीटें अन्य के खाते में गई थी।
20 विधानसभा सीटों पर 260 प्रत्याशी
बीजेपी ने दूसरे चरण की घाटशिला, पोटका, जमशेदपुर पूर्व, जमशेदपुर पश्चिम, खुंटी, मांधर, सिसई और सिमडेगा सीट पर जीत दर्ज किया था। जबकि, जेएमएम ने सरायकेला, चायबासा, बरहागोड़ा, माझगांव, मनोहरपुर चक्रधरपुर, खरसावन और तोरपा सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इसके अलावा तमाड़ व जुगसलाई सीट आजसू के खाते में गयी थी और कोलेबिरा और जगन्नाथपुर अन्य ने जीती थी।
झारखंड के दूसरे चरण की 20 विधानसभा सीटों पर 260 प्रत्याशी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। बीजेपी के 20, कांग्रेस के 6, जेएमएम के 14 और झारखंड विकास मोर्चा के 20 प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा अन्य प्रमुख दलों में शामिल बसपा के 14, माकपा और भाकपा के तीन, एनसीपी का एक, तृणमूल कांग्रेस के पांच और 73 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं।
हाई प्रोफाइल सीट बनी जमेशदपुर पूर्वी क्षेत्र
झारखंड की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बनी जमेशदपुर पूर्वी क्षेत्र पर सभी की निगाहें हैं। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय इस बार जमशेदपुर पूर्वी सीट से मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर गौरव बल्लभ को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। ऐसे में यह सीट रघुवर दास के लिए चुनौती बन गई है यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को रघुवर दास को जीत के लिए चुनावी जनसभा करनी पड़ी।
वहीं, बीजेपी और आजसू के अलग-अलग चुनाव लड़ने के चलते कई सीटों पर सियासी समीकरण गड़बड़ा गए हैं। इस बार तमाड़ सीट का गणित आजसू के लिए बिगड़ता नजर आ रहा। यहां पर आजसू के सीटिंग विधायक विकास मुंडा पाला बदल कर जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
जगन्नाथपुर सीट से जय भारत समानता पार्टी की गीता कोड़ा विजयी हुई थी। इसके बाद वह कांग्रेस के टिकट पर सिंहभूम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर सांसद बन गई हैं। कोलेबिरा सीट पर झारखंड पार्टी के एनोस एक्का विजयी हुए थे। अदालत से सजा सुनाये जाने के कारण उनकी सदस्यता चली गयी उप चुनाव में यह सीट कांग्रेस नमन विक्सल कोंगाड़ी ने जीता।
नए चेहरे चुनावी मैदान में
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से राजनीतिक स्थितियां बदल गयी है। कई विधायक दल-बदल कर दूसरे दल से चुनाव मैदान में हैं, तो कई का टिकट काटा गया है। बीजेपी ने अपने मौजूदा आठ सीटों में से चार सीट और जेएमएम ने तीन सीट पर नया चेहरा को मैदान में उतारा है।
जेएमएम ने अपने आठ विधायकों में से कुणाल षाड़ंगी पार्टी छोड़ कर बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। इन्हें बीजेपी छोड़ कर जेएमएम का दामन थामने वाले समीर मोहंती चुनौती दे रहे हैं। वहीं जेएमएम ने चक्रधरपुर के विधायक शशि भूषण सामड़ और तोरपा विधायक पौलुस सुरीन का टिकट काटा है। पौलुस सुरीन इस बार जहां निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं वहीं विधायक शशिभूषण सामद जेवीएम के प्रत्याशी हैं। इन सारी सीटों पर अपनों से ही मुकाबला करना पड़ रहा है।
बीजेपी ने काटा चार विधायकों का टिकट
जेएमएम के तीन नये चेहरों में समीर मोहंती, सुखराम उरांव और सुदीप गुड़िया शामिल हैं। बीजेपी के खाते में रही आठ मौजूदा सीटों में से चार विधायकों का टिकट काटा गया है। इसमें मंत्री रहे सरयू राय, लक्ष्मण टुडू, गंगोत्री कुजूर व विमला प्रधान शामिल हैं इनकी जगह बीजेपी ने नए चेहरे को मैदान में उतारा है। इसमें देवेंद्र सिंह, देवकुमार धान, सर्वानंद बेसरा और लखन मार्डी शामिल हैं।
स्पीकर दिनेश उरांव, मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा व विधायक मेनका सरदार फिर से चुनाव मैदान में हैं जुगसलाई से मंत्री रामचंद्र सहिस एक बार फिर से आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कोलेबिरा सीट से एक बार फिर कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी चुनाव मैदान में हैं। ऐसे बदले हुए राजनीतिक समीकरण के बीच दूसरे चरण की 20 सीटों पर सियासी संग्राम में बीजेपी और जेएमएम के लिए अपनी सीटें बचाए रखने के साथ-साथ बढ़ाने की चुनौती है। जबकि, सबसे बड़ी चिंता बीजेपी को है, यही वजह है कि पार्टी के सारे दिग्गज इस इलाके में जान लगाए हुए हैं।
(प्रतिकात्मक फोटो)