सार

कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों के बीच से सामने आते रहे हैं। इसे लेकर सरकार ने कई बार चेतावनी दी। लेकिन कई लोगों ने जमात से लौटने की जानकारी छुपाई या फिर इलाज के दौरान से भाग खड़े हुए। सरकार को सहयोग न करने के भी इन पर आरोप लगते रहे हैं। यह पीड़ा जिस महिला की है, वो बांग्लादेश के ढाका में तब्लीगी जमात से लौटी थी। जानिए उसकी आपतीबी..
 

बोकारो, झारखंड. कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों ने जिस तरह से लापरवाही बरती, वो किसी से छुपी नहीं है। चाहे हेल्थ और प्रशासन की टीम पर हमला करने का मामला हो, डॉक्टर से अभद्रता करने की बात हो या जानकारियां छुपाने की। तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों पर इसके इल्जाम लगते रहे हैं। कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोगों के बीच से सामने आते रहे हैं। इसे लेकर सरकार ने कई बार चेतावनी दी। लेकिन कई लोगों ने जमात से लौटने की जानकारी छुपाई या फिर इलाज के दौरान से भाग खड़े हुए। यह पीड़ा जिस महिला की है, वो बांग्लादेश के ढाका में तब्लीगी जमात से लौटी थी। जानिए उसकी आपतीबी..

 

इस महिला को है अपने किए पर पछतावा...
यह मामला बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड के तेलो गांव का है। यहां तब्लीगी जमात से जुड़े एक ही परिवार के तीन लोगों को कोरोना संक्रमण हो गया था। हालांकि अब सभी बोकारो जनरल अस्पताल (BGH) में इलाज के बाद घर आ चुके हैं। लेकिन इस परिवार की महिला को अपनी गलती पर अफसोस है। यह महिला बांग्लादेश के ढाका में तब्लीगी जमात में शामिल हुई थी। इसके बाद निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में चली गई। वहां से 18 मार्च को घर लौटी। लेकिन इसकी जानकारी उसने प्रशासन को नहीं दी। जब प्रशासन की टीम ढूंढते हुए इस तक पहुंची और टेस्ट कराया, तो वो पॉजिटिव निकली। उसे 5 अप्रैल को BGH में भर्ती कराया गया था। इस महिला के संपर्क में आने पर उसकी दो मासूम पोतियों को भी संक्रमण हो गया था। हालांकि अब तीनों ठीक हैं। महिला ने भावुक होकर कहा कि उसे होम क्वारेंटाइन का पालन करना था। प्रशासन को जानकारी देनी थी। अगर पोतियों को कुछ हो जाता, तो वो खुद को कभी माफ नहीं कर पाती।


डॉक्टरों की तारीफ..
महिला ने कहा कि पकड़े जाने पर पहले वो डर गई थी, लेकिन प्रशासन ने उसका अच्छे से सहयोग किया। डॉक्टरों ने उनके इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी। महिला ने कहा कि वो हमेशा खुदा से यही दुआ मांगती कि उसकी फूल सी पोतियों की हिफाजत करना। महिला ने कहा कि संक्रमण को नफरत से नहीं, सहयोग और इलाज से ही हराया जा सकता है।