सार

स्वास्थ्य मंत्री का काफिला जैसे ही शहर में घुसा, पूरी सड़क हुई जाम। एम्बुलेंस ड्राइवर चिल्लाते हुए लोगों से हटने को बोलता रहा, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी।

जमशेदपुर, झारखंड. हेल्थ मिनिस्टर के काफिले में फंसी एम्बुलेंस को रास्ता नहीं देने पर एक मरीज की मौत का शर्मनाक मामला सामने आया है। इस घटना के लिए विपक्ष ने हेल्थ मिनिस्टर को दोषी ठहराया है। एम्बुलेंस करीब घंटेभर तक जाम में फंसी रही। इस दौरान पुलिस भी असहाय दिखी। जब मीडिया के कैमरे चलते देखे गए, तब लोगों को शर्म आई और एम्बुलेंस को निकलवाया गया। हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मरीज मौत से जंग हार चुका था।

लोगों ने मंत्री पर जताई नाराजगी...
हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता का काफिला घाटशिला की ओर से रविवार सुबह करीब 11 बजे शहर में घुसा था। उनका जगह-जगह स्वागत किया जा रहा था। काफिला दोपहर करीब 1.30 बजे मानगो पहुंचा। यहां उनके स्वागत में इतनी भीड़ उमड़ी कि सड़क पूरी तरह से जाम हो गई। इस दौरान आतिशबाजी भी की जा रही थी। इससे भी लोग डरे हुए थे। इसी बीच एम्बुलेंस क्रमांक-BR16E5922 वहीं फंस गई। एम्बुलेंस के ड्राइवर खालिद ने चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को रास्ता देने की गुहार लगाई। वे गिड़गिड़ाए, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। करीब घंटेभर बाद जब एम्बुलेंस को रास्ता दिया गया, तब तक मरीज की मौत हो चुकी थी।

विपक्ष ने मंत्री को घेरा...
इस घटना के बाद राजनीति गहरा गई। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसके लिए सीधे तौर पर स्वास्थ्य मंत्री को दोषी ठहराया है। उन्होंने बन्ना गुप्ता को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग लगाई। वहीं, मंत्री ने जवाब दिया कि भाजपा उनसे डरी हुई है, इसलिए आरोप लगा रही है।