सार
ये दोनों बच्चियों भाग्यशाली कही जाएंगी, जिन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नजर पड़ गई। मामला झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का है।
रांची, झारखंड. कोरोना से लड़ाई के दौरान लोगों; खासकर गरीबों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन उनके जज्बे को सलाम, जो कम खाने में गुजारा करके..परेशानियों को उठाकर भी लॉक डाउन का पालन कर रहे, ताकि कोरोना का संक्रमण रोका जा सके। ये दोनों बच्चियां भी एक गरीब फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी की रहने वालीं ये दोनों बच्चियां थैलीसीमिया से पीड़ित हैं। लॉक डाउन के कारण इनका इलाज रुक गया था। इन्हें समय-समय पर ब्लड चढ़ता है। इन्हें न तो ब्लड मिल पा रहा था और न ये हॉस्पिटल में भर्ती हो पा रही थीं।
मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट...
फिलहाल ये बच्चियां एमजीएम में भर्ती हैं। दोनों के लिए दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था भी कर दी गई है। इस संबंध में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी । उपायुक्त ने सीएम को बताया कि दोनों बच्चियों को मुसाबनी के बीडीओ ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया है।
गोहला की रहने वालीं बिर्ष्टी पाल और बेबी पाल के परिजनों ने सरकार ने भावुक अपील की थी। चड़कापाथर गांव के प्रधान ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने को पत्र लिखा था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके स्वास्थ्य मंत्री और प्रशासन को बच्ची की मदद के लिए कहा था। मुख्यमंत्री ने गांव में लोगों को राशन पहुंचाने को भी कहा।