सार

मां और उसके मासूम बच्चे के इमोशन से जुड़ी यह घटना झारखंड के रांची की है। नाले में डूबे अपने डेढ़ साल के बच्चे की सांसें रुकती देख मां ने सूझबूझ दिखाई और उसकी जिंदगी बचा ली।

रांची, झारखंड. यह मामला एक मां और उसके बच्चे की भावनाओं से जुड़ा है। घटना गुरुवार को लालपुर के लोअर वर्धमान कम्पाउंड के पाहना कोचा की है। यहां रहने वाले अनिल उरांव की पत्नी सोनी सुबह 10.45 बजे कपड़े धोने कुछ दूर गई थी। उसका डेढ़ साल का बच्चा अखिल घर के बाहर अपनी बड़ी बहन के साथ खेल रहा था। खेलते हुए अचानक वो नाले के पास जा पहुंचा। इसके बाद पैर फिसलने से वो नाले में जा गिरा। बहन की चीख सुनकर मां दौड़ी-दौड़ी वहां पहुंची। उसने देखा कि बच्चा नाले में बहता जा रहा था। मां भी चिल्लाते हुए नाले के बाजू में दौड़ने लगी। 


करीब 30-35 फीट जाकर उसने बच्चे को नाले से निकाला। इस दौरान वहां भीड़ जमा हो गई थी। झामुमो कार्यकर्ता परमिंदर सिंह ने तुरंत बच्चे के मुंह से गंदगी निकाली। लेकिन पेट में गंदा पानी चला जाने से बच्चा ठीक से सांस नहीं ले पा रहा था। यह देखकर मां रो पड़ी। उसने बच्चे को गोद में लिया और उसके मुंह से अपना मुंह सटाकर सांस फूंकना शुरू कर दी। कुछ देर मां ऐसा करती रही। आखिर में झटके के साथ बच्चे ने सांस भरी और आंखें खोल दीं। यह देखकर सबकी आंखों से आंसू निकल पड़े। इसके बाद बच्चे को फौरन केसी राय मेमोरियल और फिर एंबुलेंस से रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल भेजा गया।

बच्चे के पिता अनिल दिहाड़ी मजदूर हैं। घटना की जानकारी लगते ही निगम का अमला भी वहां पहुंच गया था। बच्चे के इलाज की जिम्मेदारी प्रशासन ने ली है।