सार
झारखंड जमशेदपुर की महिला शिक्षका शिप्रा मिश्रा को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह सम्मान नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दिया। इतना ही नहीं राष्ट्रीय शिक्षिका का पुरस्कार पाने वाली शिप्रा मिश्रा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुलाकात की।
रांची. झारखंड के लौहनगरी की शिक्षका शिप्रा मिश्रा को एक डिब्बा स्कूल को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। देश के राष्ट्रपति ने उन्हें यह सम्मान नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दिया। इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों से संबंधित 30 सेकेंड का एक वीडियो भी दिखाया गया। शिप्रा मिश्रा टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू उच्च विद्यालय, कदमा की शिक्षिका है। राष्ट्रीय शिक्षिका का पुरस्कार पाने वाली शिप्रा मिश्रा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुलाकात की। इतना ही नहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उन्हें डीनर पर भी बुलाया। शिप्रा मिश्रा अपने पति व बच्चों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुईं। हालांकि वह चाहती थीं कि इस अनमोल पल के गवाह उनके मम्मी-पापा भी रहें, लेकिन अस्वस्थ रहने के कारण वे शामिल नहीं हो सके।
शिप्रा बोलीं- कभी सोचा नहीं था सिर्फ 12 साल में इतना बड़ा सम्मान मिलेगा
दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मान पाने वाली जमशेदपुर की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा पे कहा कि उन्होंने कहा- कभी नहीं सोचा था कि मात्र 12 साल में महत्वपूर्ण सम्मान मिलेगा। दिल्ली में जिस प्रकार से उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट दी जा रही थी, वह अपने आप में अद्भुत है। इतनी स्पेशल बन जाऊंगी, कभी सोचा नहीं था।
पुरस्कार के रूप में मिले 50 हजार रुपए को स्कूल के विकास में लगाएगी शिप्रा
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए उपायुक्त विजया जाधव ने जमशेदपुर की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा को बधाई दी है। आपको बता दें कि शिप्रा मिश्रा झारखंड से इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार पाने वाली एकमात्र शिक्षिका हैं। पुरस्कार के रूप में 50,000 रुपये का चेक तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया। इस राशि का इस्तेमाल वह स्कूल के विकास में करेंगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया एवं जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी ने भी उन्हें बधाई दी है।
डिब्बा स्कूल को दिलाया राष्ट्रीय पहचान
कभी डब्बा स्कूल के नाम से चर्चित रहा टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कदमा अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। ऐसा संभव हो पाया है, वहां कार्यरत शिक्षिका शिप्रा मिश्रा की बदौलत। उनके पढ़ाने के तरीके ने इस स्कूल को राष्ट्रीय फलक तक पहुंचाया। उनके पढ़ाने के ढंग को लेकर उन्हें को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ऐसे पढ़ाई को बनाया रोचक
शिप्रा मिश्रा के मुताबिक उन्होंने इनोवेटिव, क्रिएटिव तरीके से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। विज्ञान जैसे कठिन विषय को उन्होंने बच्चों के लिए खेल का विषय बना दिया। गणित के ज्यामिती के जटिल चैप्टर को बागवानी और पेड़ों की घेराबंदी कर आसान बना दिया। यूज्ड प्लास्टिक बोतल से स्कूल प्रांगण में स्थित बागवानी की चहारदीवारी बना दी। उनकी इसी अलग सोच, इनोवेटिव आइडिया ने इस मुकाम तक पहुंचा दिया है।
शिक्षिका शिप्रा मिश्रा का प्रोफाइल
- नाम : शिप्रा मिश्रा
- प्राथमिक शिक्षा : कक्षा एक से छह तक सिवान के प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई
- दसवीं तक शिक्षा : नवोदय विद्यालय कटिहार से
- स्नातक : रांची वीमेंस कालेज (केमेस्ट्री ऑनर्स)
- एमएससी : रांची यूनिवर्सिटी
- बीएड : रांची वीमेंस कॉलेज
- शिप्रा मिश्रा को अब तक मिले अवार्ड
- रोटरी क्लब की ओर से वर्ष 2017 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान
- इनर व्हील क्लब की ओर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान
- वर्ष 2019 में राज्य स्तर का शिक्षक पुरस्कार
- 2020 में एनएमएल द्वारा बेस्ट साइंस टीचर्स अवार्ड
यह भी पढ़े- शिक्षक दिवस स्पेशलः जबलपुर के गांव के घर की दीवारों को ही टीचर ने बना दिया विद्यालय, अब सब कर रहे तारीफ