सार
जमशेदपुर में देश की पहली ऐसी सड़क सड़क बनी है जो स्टील स्लैग से बनकर तैयार हुई है। जिसे टाटा स्टील कंपनी ने बनाया है। स्लैग से बनी 44.2 किलोमीटर सड़क जमशेपुर-रांची को जोड़ेगी। टाटा स्टील के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।
जमशेदपुर. झारखंड के जमशेदपुर में पहली बार ऐसी सड़क का निर्माण किया गया जो पूरी तरह से स्लैग से बना है। देश में इस तरह की यह पहली सड़क है। इसका निर्माण टाटा स्टील ने कराया है। यह सड़क जमशेदपुर-रांची को जोड़ने वाली एनएच-33 के बीच है। टाटा स्टील के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। देश में सूरत स्टील रोड के मामले में पहले स्थान पर है। इस वजह से शहर को डायमंड सिटी के नाम से जाना जाता है। सूरत में आर्सेलर मित्तल निप्पोन स्टील इंडिया ने सीएसआइआर के साथ मिलकर स्टील के कचरे से एक सड़क बनायी है। हजीरा इंडस्ट्रियल एरिया में 100 फीसदी प्रोसेस्ड स्टील स्लैग से एक किलोमीटर लंबी छह लेन की यह सड़क वेस्ट मटेरियल के उपयोग से प्रायोगिक तौर पर बनायी गयी है। दूसरी सड़क झारखंड में बनी है, जिसमें पूरी तरह से स्टील स्लैग का इस्तेमाल किया गया है।
समस्या को बनाय समाधान, बढ़ेगी स्लैग की डिमांड
स्टील कंपनियों के लिए स्लैग को खपाना, उसका स्टोर करना एक बड़ी समस्या होती है। एक प्रकार से स्लैग स्टील कंपनियों से निकलने वाला कचरा ही होता है। स्लैग के निष्पादन के लिए करोड़ों खर्च करने पड़ते है। उसके बाद भी पर्यावरण को नुकसान होता है। मगर अब सड़क निर्माण में स्लैग के इस्तेमाल ने कई परेशानियों से कंपनियों को निजाद दिलाने का काम किया है। साथ ही इससे पर्यावरण की रक्षा भी हो रही है। इसके उपयोग से स्टोन का उपयोग नहीं होगा और गिट्टी की उपलब्धता खत्म होने से पत्थर का खनन भी रुकेगा।
एक मिलियन टन स्लैग आधारित एग्रिगेट्स का उपयोग
एनएच-33 के 44.2 किमी सड़क का निर्माण एनएचएआई, कॉन्ट्रैक्टर आयरन टाएंगल लिमिटेड और केके बिल्डर संयुक्त रूप से कर रहे हैं। सहरबेरा-जमशेदपुर-महुलिया तक के निर्माण में करीब एक मिलियन टन से अधिक स्लग आधारित एग्रिगेट्स का उपयोग किया गया है। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद NHAI और सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) द्वारा प्रोसेस्ड एलडी स्लैग एग्रीगेट्स का उपयोग 2019 में स्थापित किया गया था। मालूम हो कि एनएच-33 को चार हिस्से (फेज) में बनाया गया है। जिसके एक हिस्से के 44.2 किलोमीटर की सड़क स्टील स्लैग से बनाई गयी है।
जानें क्या है स्लैग
स्लैग वास्तव में अयस्क को पिघलाने के बाद निकलने वाला एक बाय प्रोडक्ट है। स्टील के स्लैग का प्रयोग करने से रोड की मोटाई 30 फीसदी घटाने में सफलता मिली है। यह सड़क परंपरागत सड़क से अधिक मजबूत होती है। स्लैग की गर्मी से मैदानी क्षेत्र और खाली पड़ी जमीन का बड़ा हिस्सा भी प्रभावित होता है। जिस जमीन पर गिराया जाता है, उसके आसपास के पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। स्लैग की कीमत स्टोन से कम होने के कारण कंपनियों को मुनाफा मिलेगा।
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