सार

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर फैसला लेने से पहले राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि वो दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं।  

रांची. झारखंड की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से भूचाल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी को लेकर संशय बरकरार है। इसी बीच शुक्रवार की सुबह झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली के लिए रवाना हुए। माना जा रहा है कि गवर्नर अपने दिल्ली दौरे पर गृह मंत्री अमित साह से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि वे दिल्ली क्यों गए इसकी जानकारी अभी तक साफ नहीं हो पाई है। उनके दिल्ली दौरे से झारखंड की सियासत और गरमा गई है।

महागठबंधन के नेताओं ने की थी मुलाकात
1 सितंबर को ही महागठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा था। राज्यपाल से मुख्यमंत्री पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। राज्यपाल ने कहा था कि 2-3 दिनों में वे अपना फैसला चुनाव आयोग को भेज देंगे। सीएम के ऑफिस ऑफ प्राफिट मामले में चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को भेज दी है। राज्यपाल इसपर कभी भी फैसला ले सकते हैं।

आज रायपुर लौट सकते हैं चारों मंत्री
कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद कांग्रेस के चारों मंत्री आज रायपुर वापस लौट सकते हैं। सीएम के रायपुर जाने पर अभी संशय बरकरार है। कांग्रेस के चार मंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के लिए रायपुर से रांची बुलाया गया था। कांग्रेस कोटे के चार मंत्री बन्ना गुप्ता, आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख, डॉ रामेश्वर उरांव को रांची वापस बुलाया गया था। हालांकि चारों मंत्रियों के रायपुर जाने की पुष्टि अभी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री के रायपुर जाने के आसार कम दिख रहे हैं। जबकि झामुमो कोटा के मंत्री चंपई सोरेन, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर, जगरनाथ महतो और हफीजुल अंसारी भी आज रायपुर जा सकते हैं। इन पाचों मंत्रियों को रायपुर नहीं भेजा गया था। 30 अगस्त से महागठबंधन के विधायक मेफेयर रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं। 

4 सितंबर तक विधायकों के रायपुर ने रहने की संभावना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट मीटिंग में पांच सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इस दिन सीएम विश्वास पत्र पारित कर सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि महागठबंधन के सभी विधायक 4 सितंबर तक रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में ही रहेंगे। उन्हें विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए पांच सितंबर को रांची बुलाया जा सकता है। इधर, रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट जहां सभी ‌विधायक ठहरे हैं वहां वीआईपी को भी एंट्री नहीं है। विधायकों को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से इतनी सख्त सुरक्षा में रखा गया है कि वहां परिंदा भी पर ना मार सके। रिसाॉर्ट के मेन गेट से विधायकों तक पहुंचने के लिए तीन लेयर में सिक्योरिटी को तैनात किया गया है। 24 घंटे तीन डीएसपी रैंक के अधिकारी तैनात हैं।  24 से ज्यादा सुरक्षा बलों की नियुक्ति की गई है।

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