सार

 कोडरमा घुमने आए लोगों का नाव रविवार सुबह 11 बजे पंचखेरों डैम में पलट गई। हादसे में पांच बच्चे सहित 8 लोगों की डूबने से मौत हो गई।  इस दर्दनाक हादसे में तीन परिवार के 8 लोगाों की जिंदगियां चली गई। तीनों परिवार पड़ोस के रहने वाले थे।

कोडरमा (झारखंड). कोडरमा के पंचखेरों डैम में डूबे लोगों को खोजने के लिए प्रसासन का रेस्क्यू जारी है। गोताखोर लगातार लापता लोगों की तलाश पानी में कर रहे हैं। अंधेरा होने के कारण लोगों को खोजने में परेशानी हो रही है। अभी तक एक भी लापता लोग नहीं मिले हैं। घटना स्थल पर लापता लोगों के परिजन भी मौजूद हैं। उनका रो-रो कर बुरा हाल है। मौके पर भारी संख्या में लोग भी मौजूद हैं। इस दर्दनाक हादसे में तीन परिवार के 8 लोगाों की जिंदगियां चली गई। तीनों परिवार पड़ोस के रहने वाले थे। डूबने वालों में 7 बच्चों के अलावे सीताराम यादव 40 नामक पुरुष भी शामिल है। इनमें कोई महिलाएं नहीं है। सभी लापता लोगों के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। 
 
नाव में नहीं थी कोई सुरक्षा 
नाव में किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं थी। लाईफ जैकेट भी नहीं था। तैर कर बाहर निकले प्रदीप कुमार ने बताया कि सुरक्षा नहीं होने के बाद भी बच्चों की जिद्द में वे लोग नाव पर चले गए। बीच में जाने के बाद नाव अचनाक पलट गई। वे लोग मौत के काल में समाने लगे। नाव धीरे-धीरे पानी के भीतर चला गया। बच्चे उनके गले से लिपटे थे। पानी के भीतर जाते ही बच्चों का हाथ उनसे छूट गया।वह बच्चों को छोड़कर बाहर नहीं निकलना चाहता था। लेकिन किसी तरह तैर कर बाहर निकला। प्रदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने बच्चों को बचाने की काफी कोशीश की। लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इदर, प्रदीप का इलाज अस्पताल में चल रहा है। वे बेसुध हैं। 

दोस्त के बच्चे भी साथ थे
प्रदीप सिंह ने बताया कि उनके पुत्र शिवम और बेटी संध्या छुट्टी के लिए डैम जाने की जिद दो दिनों से ही कर रहे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह उनकी आखिरी यात्रा होगी। रविवार को छुट्टी के लिए पंचखेरों डैम जाने का प्लान बना। उनके दोस्त प्रफुल्ल सिंह के बच्चे अमित और राहुल भी साथ जाने की जिद्द करने लगे। उनके एक दोस्त सीताराम यादव उनके तीन बच्चे भी घुमने गए। डैम पहुंचने पर रोहित नामक नाविक मिला। उसमे बोला की वह डैम घुमाने का तीन हजार रुपए लेगा। सुरक्षा को लेकर पूछने पर नाविक द्वारा कहा गया कि नौका विहार इसी तरह कराता है।सुरक्षा की जरूरत नहीं है। इसी बीच सभी बच्चे नाव पर चढ़ गए। नाविक नाव लेकर बढ़ने लगा। नाव में छेद देख उनलोगों ने नाविक को टोका तो नाविक द्वारा कहा गया कि कोई बात नहीं है नाव छेद है और सारा पानी बाहर निकल जाएगा। बीच में जाने के बाद नाव का पीछला हिस्सा पानी में पहले डूबा।

डूबने वालों का नाम
सीताराम यादव (40) उनके तीन बच्चे सेजल कुमारी (16), हर्षल कुमार (8) और बउआ (5),  प्रफुल्ल सिंह के दो बच्चे राहुल कुमार (16) और अमित (14), प्रदीप सिंह के दो बच्चे अपने पलक कुमारी (14) और शिवम सिंह (17) लापता हैं।


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