सार

झारखंड में अपने झुंड से अलग हुए और एक इलाजरत हाथी का मृत शरीर रविवार की देर शाम बरामद किया गया है। उसके दोनों दांत हेक्साब्लेड से  काटे गए है। वन विभाग को आशंका है कि तस्करों ने दांत चोरी के लिए उसकी हत्या की है। मौत का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से होगा।

लातेहार: लातेहार जिले के बारियातू प्रखंड में रेंची गांव स्थित अमाटोंगरी व ढोठीमांडर जंगल में एक हाथी मृत मिला है। तस्कर उसके दोनों दांत काटकर ले गए हैं। हाथी की मौत संदिग्ध मानी जा रही है। हालांकि हाथी पिछले एक माह से बीमार था। सूचना पर डीएफओ  रौशन कुमार  के साथ हाथी का पोस्टमार्टम करने वाली बिरसा कृषि विज्ञान केंद्र रांची के डॉ एसएस कुल्लू, और उनकी टीम जंगल पहुंची। मेडिकल टीम ने हाथी के शरीर के अलग-अलग हिस्से से बिसरा एकत्रित किया। इसके बाद जेसीबी से गड्‌ढा खोद हाथी को घटना स्थल के पास ही दफना दिया गया। डॉ एसएस कुल्लू ने बताया कि हाथी के छाती में चोट के निशान मिले हैं। जबकि बाहर कोई चोट नहीं था। सैंपल को जांच के लिए आईभीआई बरेली व देहरादून भेजा जाएगा उन्होंने बताया कि हाथी के दोनों दांत को हेक्साब्लेड से काटा है। हाथी मौत करीब 36 घंटे पहले हुई है। वन विभाग की टीम इलाजरत हाथी की तलाश कर रही थी, तब रविवार 31 जुलाई की शाम उनको उसका मृत शरीर मिला।

हाथी के बाएं पैर पर थी चोट,चल रहा था इलाज
जानकारी हो कि मृत हाथी अपने झुंड से अलग होकर रेंची गांव स्थित जंगल में रह रहा था। उसके बाएं पैर में चोट थी। इस कारण वह ठीक से चल नहीं पा रहा था। हाथी के घायल होने की सूचना पर वन विभाग पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र के चिकित्सकों को बुलाकर हाथी का इलाज करवा रहा था। 15 दिनों तक हाथी का इलाज चला था। वह स्वस्थ्य भी हो रहा था। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो हाथी पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गया था। अचानक उसकी मौत समझ से परे है। ग्रामीण आशंका जता रहे हैं तस्करों ने ही हाथी पर किसी चीज से हमला कर उसे मार दिया और दांत काट ले गए। ग्रामीणों ने कहा कि स्वस्थ्य होने के बाद हाथी 5 किमी के एरिया में घुमता था। हाथी को बीते बुधवार की संध्या तक जंगल मे घूमते हुए देखा गया था। ग्रामीण हाथी की मौत का कारण वन विभाग की लापरवाही भी बता रहे हैं।

जांच रिपोर्ट आने के बाद मौत की होगी पुष्टि: डीएफओ
डीएफओ रौशन कुमार ने बताया कि हाथी की मौत कैसे हुई इसकी पुष्टी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगी। हाथी का दांत काटा लिया गया है। तस्कर की खोजबीन के लिए वन विभाग के अधिकारियों के अलावा स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है। हाथी का बीतें 15 दिनों से इलाज चल रहा था। वह झुंड से बिछड़ गया था।
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