सार

एक महिला ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी, लेकिन स्वास्थय विभाग के कुछ अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी। उनकी इस लापरवाही के कारण महिला को अपनी जान गवांनी पड़ी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते गाड़ी मिल जाती तो वह बच जाती।

रांची. अक्सर इस तरह की खबरें आती रहती हैं कि किसी प्रेग्नेंट महिला को समय पर ऐंबुलेंस मिल जाती तो वह जाती। ऐसा ही एक मामला झारखंड में सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला दो दिन तक दर्द से कराहती रही। लेकिन उसको ऐंबुलेंस की मदद नहीं मिली और उसकी मौत हो गई। आखिर में पति रोते हुए अपनी पत्नी की अर्थी सजाता रहा और अपने आप को कोसता रहा।

वो तड़पती रही लेकिन, उसकी एक नहीं सुनी
दरअसल, लापरवाही का ये मामला झारखंड के सारंडा इलाके का है। जहां एक महिला ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी, लेकिन स्वास्थय विभाग के कुछ अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी। उनकी इस लापरवाही के कारण महिला को अपनी जान गवांनी पड़ी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते गाड़ी मिल जाती तो वह बच जाती।

पति ने रोते हुए बयां किया अपना दर्द
मृतक महिला के पति  राजेश सोरने ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मेरी पत्नी माइनो सोरने ने खाट पर तड़प-तड़पकर अपनी जान दे दी। मैंने बड़ाजामदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फोन करके इस मामले की जानकारी देकर मदद की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने मेरी कोई बात नहीं सुनी। फिर अस्पताल के जीएम ने कहा कि हम आपके घर पर ऐंबुलेंस भेजते हैं, लेकिन हम इंतजार करते रह, पर कोई गाड़ी नहीं आई। पत्नी के साथ उसकी कोख में पल रहे 8 महीने के बच्चे की भी मौत हो गई।