सार
झारखंड में राजनीतिक उथल पुथल के बीच खबर सामने आ रही है कि प्रदेश राज्यपाल रमेश बैस ने अपना फैंसला चुनाव आयोग को सौंप दिया है। बता दे कि निर्वाचन आयोग द्वारा वह जवाब विधानसभा स्पीकर रवींद्र महतो को भेजा जाएगा।
रांची (झारखंड): झारखंड में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एक नई जानकारी निकलकर सामने आ रही है। सूचना है मि मुख्ययमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता के मामले में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने अपना जवाब भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग अप इस जवाब को झारखंड के विधानसभा के स्पीकर रविंद्र नाथ महतो को भेजेगा। फिर विधानसभा स्पीकर राज्यपाल के आदेश को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अवगत कराएंगे। हालांकि इसको लेकर राज्यभवन से किसी प्रकार की पुष्टि नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग राज्यपाल के आदेश को अपने स्तर से अधिसूचित करेगा। कई सलाहकारों से परामर्श लेने के बाद राज्यपाल ने यह फैसला सुनाया है।
राज्यपाल के फैसले का हो रहा इंतजार
जानकारी होगी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सीएम और उनके भाई के खिलाफ जांच बैठी थी। चुनाव आयोग ने रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी थी। अंदाजा लगाया जा रहा था कि 25 अगस्त की दोपहर 3 बजे तक राज्यपाल इसपर अपना फैसला सुनाएंगे। लेकिन अब तक इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है। बताया जा रहा था कि शुक्रवार शाम तक राज्यपाल इस पर लेकिन आज भी राज्यपाल की ओर से सीएम की विधानसभा की सदस्यता को लेकर कोई फैसला नहीं आया। सबको राज्यपाल के आदेश का इंतजार है। लेकिन अब सूचना आ रही है कि राज्यपाल ने अपना आदेश चुनाव आयोग को भेज दिया है। अब चुनाव आयोग ही इसे अधिसूचित करेगा। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित करेगा।
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला हुआ दर्ज
बता दे कि भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रांची के अनगड़ा में पत्थर खदान लीज अपने नाम पर लेने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी। बीजेपी ने राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा लेने का आरोप लगाया, जिसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से राय मांगी थी। तत्पश्चात भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को चिठ्ठी भेजकर रिपोर्ट मंगवाई। मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में सुनवाई शुरू की थी।