सार

रांची में हुई ईडी रेड पर झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा जिसके यहां भी ईडी कार्रवाई करती है सभी हेमंत सोरेन के करीबी होते है, प्रेम प्रकाश का पूर्व सीएम रघुवर दास से क्या संबंध है कोई नहीं पूछ रहा।

रांची (झारखंड). झारखंड मे ईडी की छापेमारी में प्रेम प्रकाश के ठिकाने के साथ-साथ जेएमएम के चार्टर्ड अकाउंटेंट जे जयपुरियार के यहां भी छापेमारी हुई है। झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जयपुरियार पिछले 8 सालों से जेएमएम का चार्टर्ड अकाउंटेंट है। हमें सच स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है। जो गलत है उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। ईडी की कार्रवाई से नरेटिव सेट करने की कोशिश की जा रही है। जहां भी ईडी की कार्रवाई होती है सब के सभी को सीएम हेमंत सोरेन के करीबी बताया जाता है। ऐसा कहना बहुत गलत है। 

हर कार्रवाई को सीएम से जोड़कर नरेटिव सेट किया जा रहा 
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ईडी की किसी भी कार्रवाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जोड़कर एक नरेटिव सेट करने की कोशिश की जा रही है। पार्टी किसी के खिलाफ मानहानी जैसे कदम नहीं उठाना चाहती। इसलिए वैसे लोगों को संदेश है कि ऐसा न करें। प्रेम प्रकाश का पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से क्या संबंध रहा है। देवघर में उनके सचिव के बेटे के फंक्शन में कौन शामिल हुआ था। यह किसी से छुपा है क्या, परंतु कभी यह क्यों नहीं आता कि प्रेम प्रकाश का रघुवर दास से संबंध है या करीबी हैं। 

आदिवासी मुख्यमंत्री को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है भाजपा
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि जब से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के मूलवासी, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यकों के बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विदेश में पढ़ाई की योजना की शुरुआत की है, तब से वह भाजपा के आंख की किरकिरी बन गए हैं। झामुमो नेता ने कहा कि जिस जिस राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करना शुरू किया, वहां की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश शुरू हो गई। 

तेलंगना, बंगाल, बिहार, दिल्ली में भी यही हो रहा
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने किा कि जहां शिक्षा के क्षेत्र में काम हो रहा है वहां ईडी कार्रवाई कर रही है। मनीष सिसोदिया पर भी इसी वजह से कार्रवाई हो रही है। तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड सब जगह इसलिए ईडी और सीबीआई की छापेमारी हो रही है, क्योंकि वहां की सरकार के मुखिया या अन्य नेता शिंदे बनने को तैयार नहीं हुए। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश को तानाशाही व्यवस्था की ओर ले जाने की कोशिश केंद्र की सरकार कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

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