सार
झारखंड पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) परियोजना के तहत पुलिस (डायल 100), फायर (डायल 101) और एम्बुलेंस (डायल 108) सेवाओं को सफलतापूर्वक एकीकृत करके डायल 112 लागू कर रही है। नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद किए गए हैं।
रांची. झारखंड पुलिस के डीजीपी नीरज सिन्हा ने 15 अगस्त को ध्वजारोहण के बाद रांची पुलिस मुख्यालय में पुलिसकर्मियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने झारखंड में पुलिस द्वारा किए गए कार्रवाई और उसके परिणामों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि झारखंड पुलिस का नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान कितना प्रभावी रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले तीन वर्षों में नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान 1,526 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और विभिन्न मुठभेड़ों में कम से कम 51 नक्सली मारे गए हैं।
गिरफ्तार नक्सलियों में एक पोलित ब्यूरो सदस्य, एक केंद्रीय समिति सदस्य, तीन विशेष क्षेत्र समिति सदस्य, एक क्षेत्रीय समिति सदस्य, 12 जोनल कमांडर, 30 सब-जोनल कमांडर और 61 एरिया कमांडर शामिल हैं।
भारी मात्रा में हथियार के साथ 159 लाख रुपए जब्त किए गए
सिन्हा ने कहा कि नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद और नक्सलियों द्वारा वसूले गए लगभग 159 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। डीजीपी ने कहा ने बताया कि बरामद किए गए हथियारों और गोला-बारूद में 136 पुलिस हथियार, 40 नियमित हथियार, 590 देशी हथियार शामिल हैं जिनमें 74 पुलिस हथियार शामिल हैं। 37,541 कारतूस, 1,048 आईईडी और 9,616 डेटोनेटर मिले हैं।
नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण नीति वरदान
उन्होंने कहा कि नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए तैयार की गई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के भी सकारात्मक परिणाम मिले हैं, क्योंकि 57 शीर्ष नक्सलियों ने हथियार छोड़ दिए हैं। सिन्हा ने अपने भाषण के दौरान राज्य में साइबर अपराध को रोकने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि उग्रवादी समूहों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए राज्य में एक साइबर निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, उन्होंने कहा कि झारखंड में एक टोल फ्री साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया गया है।
3000 से ज्यादा साइबर अपराधी भी गिरफ्तार
साइबर अपराधियों ने 2019 से जून 2022 तक लोगों से 4.48 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की और राज्य में कुल 3,001 साइबर अपराधियों को इस अवधि के दौरान गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि उनके पास से बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, सिम कार्ड, क्लोन मशीन, स्वाइप कार्ड, वाहन और नकदी बरामद की गई। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी की रोकथाम के लिए सभी 24 जिलों में मानव तस्करी रोधी यूनिट स्थापित की गई है। डीजीपी ने कहा कि राज्य में 2019 से 2022 के बीच मानव तस्करी से जुड़े कुल 329 मामले सामने आए हैं। तस्करी के कुल 779 पीड़ितों को बचाया गया है।
डायल 112 की शुरुआत
झारखंड पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) परियोजना के तहत पुलिस (डायल 100), फायर (डायल 101) और एम्बुलेंस (डायल 108) सेवाओं को सफलतापूर्वक एकीकृत करके डायल 112 लागू कर रही है। राज्य में किसी भी घटना या दुर्घटना की स्थिति में लोग 112 नंबर डायल करके चौबीसों घंटे पुलिस, अग्निशमन और एम्बुलेंस आदि जैसी आपातकालीन सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- झारखंड में हुआ दर्दनाक हादसाःबिना फाटक वाली क्रासिंग पर मालगाड़ी ने एक ऑटो ड्रायवर को 30 फीट तक घसीट ले गई