सार

दिवाली की रात झारखंड की राजधानी रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड पर दर्दनाक हादसा हो गया है। जहां बस में सो रहे ड्राइवर और कंडेक्टर की जिंदा जलकर मौत हो गई। दोनों बस में दिया जलाकर सो गए थे, कुछ ही देर में बस के साथ सब खाक हो गया।
 

रांची (झारखंड). दिवाली पर पटाखे फोड़ते और दीपक जलाते समय अगर लापरवाही बरती गई तो हादसा होते देर नहीं लगता है। झारखंड की राजधानी रांची से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां दिवाली की खुशियों में मातम पसर गया। यहां बीती रात बस में आग लग गई, जिसकी वजह से ड्राइवर और खलासी की जिंदा जलने से मौत हो गई। कारण यह था कि वह बस में दिया जलाकर सो गए, जिसके चलते आग लग गई और उनको पता नहीं चल पाया।

चंद मिनटों के अंदर देखते ही देखते सब खाक हो गया
दरअसल, यह दिल दहला देने वाली घटना रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड से सामने आई है। जहां सोमवार दीवाली की रात मूनलाइट नाम की बस में आग लग गई और ड्राइवर और कंडेक्टर की जलने से जान चली गई। जब तक बस में आग लगने की भनक अन्य ड्राइवरों को लगी तब तक वह पूरी तरह जल चुकी थी। किसी तरह स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस और फायर टीम को दी। लेकिन कुछ ही देर में सब खाक हो गया। पुलिस आकर बस से दोनों के शव बरामद किए। दोनों मृतकों की पहचान मदन महतो और इब्राहिम के रूप में हुई है। शुरूआती जांच में दिया जलाने से आग लगने की बात सामने आ रही है। हालांकि खादगढ़ा टीओपी मामले की जांच कर रही है।

जानिए  कैसे दिए ने लिया भयावह रूप
मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि यह घटना दीपावली की रात करीब 1 बजे के आसपास की बताई जा रही है। जहां बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाली बिरसा मुंडा बस स्टैंड के पास यह हादसा हुआ। मूनलाइलाट नाम की यह बस रांची से चाईबासा के बीच चलती है। लेकिन दिवाली पर छुट्टी होने कारण बस खड़ी थी। अगले दिन सुबह वह रांची से चाईबासा जाने वाली थी। दिवाली की रात कंडेक्टर और ड्राइवर ने बाकाएदा पूजा की और बस में जगह-जगह दिए जलाए। हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने सभी दिए बुझा दिए थे। लेकिन केबिन में भगवान की मूर्ति के पास रखा दिया नहीं बुझाया। इसी से आग लग गई और देखते ही देखते ही आग ने भयावह रूप ले लिया। कुछ ही देर में ड्राइवर और कंडेक्टर बस सहित जिंदा जलकर खाक हो गए।

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