सार

झारखंड में एक और सियासी उठापटक तो कहीं दलबदल मामले को लेकर बवाल मचा हुआ है, तो दूसरी तरफ सांसद और डीसी के बीच सोशल मीडिया जंग चल रही है। इसके माध्यम से दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। अब इसमें निर्वाचन आयोग की इंट्री हो गई है।

रांची (झारखंड). झारखंड में एक तरफ सियासी बवाल मचा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ एक सासंद और उपायुक्त के बीच अपनी अलग ही जंग चल रही है। दोनों सोशल मीडिया पर एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं। दोंनों ने एक दूसरे पर प्राथमिकी दर्ज करा दी है। अब इस मामले में निर्वाचन आयोग की भी इंट्री हो चुकी है। निर्वाचन आयोग देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री पर भी कोई बड़ा फैसला ले सकता है। दरअसल छह दिसंबर 2021 को निर्वाचन आयोग की तरफ से राज्य के मुख्य सचिव को देवघर डीसी को उपायुक्त के पद से हटाने और दोबारा कभी भी निर्वाचन के काम में ड्यूटी ना देने का निर्देश दिया था। निर्देश के बाद झारखंड सरकार की तरफ से फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। करीब आठ महीने बीत जाने के बाद एक बार फिर से इस मामले पर निर्वाचन आयोग की तरफ से कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। निर्वाचन आयोग के सूत्रों की माने तो यह कार्रवाई एक हफ्ते के अंदर हो सकती है। 

निशिकांत दुबे ने कहा, डीसी ने मेरे ऊपर 8 झूठे केस किए
निशिकांत दुबे ने शनिवार को ट्विट कर कहा कि “चुनाव आयोग ने अपने 6 दिसंबर 2021 के आदेश यानि मेरे उपर 8 झूठे केस करने वाले देवघर डीसी को हर हालत में हटाने का आदेश आज से 5 दिन पहले मुख्य सचिव झारखंड को दिया, बदले में जबरदस्ती केस, मुख्यमंत्री हेमंत जी का चूल हिलेगा। निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में यह जानकारी दी है कि निर्वाचन आयोग की तरफ से मुख्य सचिव को देवघर डीसी को हटाने के पत्र एक बार फिर से जारी किया गया है। सात दिन के अंदर मामले को लेकर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। 

झारखंड में ईडी-सीबीआई के साथ-साथ निर्वाचन आयोग भी चर्चा में
झारखंड में ईडी, सीबीआई के साथ-साथ निर्वाचन आयोग की भी चर्चा जोरों पर है. सीएम हेमंत सोरेन के खनन मामले पर निर्वाचन आयोग ने सुनवाई पूरी कर ली है। सुनवाई के बाद अपना फैसला राज्यपाल को भी भेज दिया है। अपना राज्यपाल को आगे की कार्रवाई करनी है। जो एक-दो दिनों में होने की संभावना है।

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