सार

कोरोना की दहशत के बीच झारखंड से एक मार्मिक खबर सामने आई है। जहां एक बेटा अपनी मां के लिए 250 किलोमीटर साइकिल चलकर दवा लेने पहुंचा था। लोग उसकी तुलना श्रवण कुमार से कर रहे हैं।

हजारीबाग (झारखंड). कोरोना वायरस के चक्कर में पूरे देश में लॉकडाउन है। ऐसे में लोग अपने  घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इसी बीच झारखंड से एक मार्मिक खबर सामने आई है। जहां एक बेटा अपनी मां के लिए 250 किलोमीटर साइकिल चलकर दवा लेने पहुंचा था। लोग उसकी तुलना श्रवण कुमार से कर रहे हैं।

मां का दर्द नहीं देख सकता था बेटा...
दरअसल, जिस युवक ने अपनी मां के लिए श्रवण कुमार की भूमिका निभाई है, वह हजारीबाग का रहने वाला है। जिसका नाम बालेश्वर राम है। बता दें कि जब युवक ने मां को दर्द से कराहते देखा, तो वह उनका दुख देख नहीं सका। फिर किसी तरह एक दिन में 210 किमी साइकिल चलाकर उनके लिए दवा लाया।

एक दिन में 210 किमी का सफर तय किया
बालेश्वर शनिवार सुबह अपने घर से 105 किमी दूर रांची दवा लेने साइकिल से रवाना हुआ था। वह करीब दोपहर 3 बजे के आसपास रांची पहुंच गया। फिर उसी दिन वहां से निकला तो देर रात अपने घर लौट आया। यानि, एक तरफ का 105 किमी और दोनों तरफ का मिलाकर युवक ने 210 किमी का सफर तय किया।

15 साल से चल रहा मां का इलाज
बालेश्वर राम दूध बेचकर अपने घर का खर्च चलाता है। उसकी 80 साल की बुजुर्ग मां सुगनी देवी पिछले 15 साल से पीठ और छाती दर्द से परेशान रहती है। जहां उसका रांची के एक निजी डॉक्टर के यहां इलाज चल रहा है। बालेश्वर ने कहा- मां-बाप से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं होता है। उनके लिए थोड़ा कष्ट सह लिया, तो क्या हो गया। अगर यह मां नहीं होती तो हम भी इस दुनिया में नहीं होते।