सार

करीब डेढ़ महीने पहले 10 साल के बच्चे की जिंदगी में ऐसी घटना हुई, जिसने उसकी आदतें ही बदल दीं। कभी आम बच्चों की तरह मां से प्यारी-प्यारी बातें करने वाला यह बच्चा अब जानवरों की तरह हमलावर हो गया है।

धनबाद, झारखंड. देवरी का यह बच्चा इन दिनों दूसरों की छोड़िए, अपने परिवार के लिए भय का कारण बन गया है। लोग इसके पास आने से डरते हैं। अगर कोई आ जाए, तो यह उग्र हो उठता है। अपनी मां और परिजनों को देखकर भी इसके इमोशन नहीं जागते। कारण, यह बच्चा हाइड्रोफोबिया का शिकार हो गया है।

यह है 10 साल का अजीब बेसरा। करीब डेढ़ महीने पहले इस बच्चे को सियार ने काट लिया था। परिजनों ने इलाज कराया, लेकिन पूरी तरह से नहीं। उसे 4 एंटी रेबीज वैक्सीन(ARV) लगवाए जाने थे। नासमझी में परिजनों ने सिर्फ तीन ही लगवाए। नतीजा बच्चा हाइड्रोफोबिया का शिकार हो गया। अब यह बच्चा सियारों की तरह हरकतें करने लगा है। वो पानी को देखकर खौफ खा जाता है। अगर कोई उसके पास पानी लेकर जाता है, तो वो जानवरों की तरह चीखने लगता है। काटने को होता है।


अपने बच्चे की यह हालत देखकर मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। बच्चे के ठीक होने की उम्मीद में उसे सोमवार को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। हालांकि उसे भी मालूम है कि बच्चे का बच पाना नामुमकिन है। देवरी निवासी बच्चे की मां बियातुस ने बताया कि दीवाली के आसपास उसे सियार ने काटा था। उसे फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया। उसे समय-समय पर चार ARV लगवाने की सलाह दी गई थी। बच्चे की मां ने बताया कि चौथा वेक्सीन हॉस्पिटल की लापरवाही से नहीं लग पाया। अब कुछ दिनों से बच्चे की हरकतें बदलने लगी हैं।

पीएमसीएच में पेडियाट्रिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. केके चौधरी ने एक मीडिया हाउस को बताया कि इस बीमार में मौत तय है। हाइड्रोफोबिया एक खतरनाक रोग है। यह कुत्ते-बिल्ली, सियास-भेड़िया आदि जानवरों के काटने पर होता है। इसका विषाणु हवा के जरिये फैलता है। इसमें पहले मरीज पानी से डरता है। फिर उसे हवा से भी भय होने लगता है। आखिर में उसकी मौत हो जाती है।