सार

झारखंड के कई इलाकों से हाथियों के आतंक की खबरें आती रहती हैं। लेकिन यह मामला एकदम अलग है। एक हाथी को भूख लगी हुई थी। उसने एक ट्रक को आते देखा, तो बीच रोड पर खड़ा हो गया। मजबूरी में ड्राइवर को ट्रक रोकना पड़ा। हाथी ने ट्रक में लदी धान खाई और फिर बड़े आराम से जंगल में चला गया।
 

पूर्व सिंहभूमि. झारखंड में हाथियों के आतंक के किस्से आम बात हैं। कई इलाकों में हाथियों ने गुस्से में आकर लोगों की जान तक ले ली। लेकिन यह मामला बड़ी दिलचस्प है। एक हाथी को भूख लगी, तो वो रोड पर आकर खड़ा हो गया। कुछ देर बाद वहां से एक ट्रक निकला। उसमें धान लदा हुआ था। हाथी सड़क के बीचों-बीच खड़ हो गया था। लिहाजा ड्राइवर को ट्रक रोकना पड़ा। इसके बाद हाथी ने खूब धान खाई और फिर बड़े आराम से जंगल में कूच कर गया। यह घटना घाटशिला कस्बे के कालापाथर गांव में हुई। इस दौरान वहां लोग जुट गए, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि हाथी को रोक सकें। इन क्षेत्रों में आए-दिन हाथी जंगल से बाहर घूमते देख जा सकते हैं। गांववाले मशाल और पटाखों से हाथियों को भगाते हैं। हालांकि हाथियों को नुकसान न पहुंचे, लिहाजा वन्य विभाग भी लोगों पर नजर रखता है। दरअसल, घटते जंगल और जंगलों में लोगों की बढ़ती आवाजाही से हाथी गांवों और शहरों में घुस रहे हैं।
 
खाने की तलाश में जंगल से बाहर निकल रहे हाथी
झारखंड के कई इलाके हाथियों के आतंक से परेशान हैं। हालांकि हाथियों को जंगल में खाने की दिक्कत होने लगी है। लिहाजा वे जंगल से शहरों और गांवों की ओर निकलने लगे हैं। कुछ दिन पहले बहरागोड़ा के धानधोड़ी गांव के स्कूल में घुसकर दरवाजा और खिड़की तोड़कर हाथी दो क्विंटल चावल खा गए थे।  कुछ समय पहले गोड्डा इलाके में हाथियों ने तीन लोगों की जान ले ली थी। इसके बाद 13 गांवों में निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी थी। 

 हाथियों से जुड़ी रोचक जानकारियां 
हाथी अन्य जानवरों की तुलना में काफी बुद्धिमान माने जाते हैं। हाथी अनुशासनप्रिय होते हैं। उनके दल का नेतृत्व हमेशा बुजुर्ग हथिनी करती है। हाथी कितना भी ताकतवर हो, वो बुजुर्ग हथिनी की बात मानता है। हाथी ही एक ऐसा जानवर है, जो करीब 5 किमी दूर से चीजें सूंघ सकता है। पानी का पता लगा सकता है। इसलिए हाथी रास्ते से निकलती गाड़ियों में लदी अपने काम की चीजें सूंघ लेता है।