सार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुतााबिक परिजनों को चिकित्सक की बातों पर यकीन नहीं हुआ। वे दोनों बच्चियों को सीमावर्ती बिहार के गया जिले के शेरघाटी स्थित सरकारी अस्पताल ले गए। आरोप है कि दोनों बच्चियों की हालत देए चिकित्सक ने हाथखड़े कर लिए।
रांची (Jharkhand) । यकीन नहीं करेंगे। लेकिन, कुछ ऐसी ही एक घटना सामने आ रही है झारखंड के गेंजना पंचायत के सोनपुरा गांव से। जहां गुस्से में आकर एक निर्दयी मां ने अपनी दो बेटियों को कुएं में फेंक दिया। इनमें एक को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। लेकिन, चिकित्सक पर भरोसा न कर गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराए। लेकिन, यहां चमत्कार कहें या फिर पहले मृत घोषित करने वाले चिकित्सक की लापरवाही। मगर,चार दिन बाद यहां मृत लड़की जिंदा हो गई है।
यह है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले गुरुवार की देर शाम सीटू यादव की पत्नी शकुंतला देवी ने अपनी दो बेटियों को सोनी कुमारी (डेढ़) और गोली कुमारी (तीन) को कुएं में फेंक दिया था। बताते हैं कि गांव के लोगों ने कुएं से दोनों को निकाल लिया। इसके बाद पड़ोसी गांव पांडेयपुरा में एक चिकित्सक के पास ले गए। जहां चिकित्सक ने सोनी कुमारी को मृत घोषित किया। जबकि गोली कुमारी की हालात नाजुक बताते हुए इलाज शुरू किया।
चिकित्सकों ने खड़े किए हाथ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुतााबिक परिजनों को चिकित्सक की बातों पर यकीन नहीं हुआ। वे दोनों बच्चियों को सीमावर्ती बिहार के गया जिले के शेरघाटी स्थित सरकारी अस्पताल ले गए। आरोप है कि दोनों बच्चियों की हालत देए चिकित्सक ने हाथखड़े कर लिए।
गया के जी गई बेटिया
परिजन दोनों बच्चियों को लेकर गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज अस्पताल ले गए। यहां चिकित्सक ने दोनों को कोमा में मानकर इलाज शुरू किया। चार दिन तक आईसीयू में रखकर इलाज किया। इसके बाद बच्ची को होश आ गया और वह जी उठी। परिवार वाले खुशी से चहक उठे। जिसकी खूब चर्चा हो रही है।
(प्रतीकात्मक फोटो)