सार

कोरोना वायरस सभी के लिए एक बड़ी आपदा बन कर आया है। यह पूरी दुनिया में फैल चुका है। इससे मुकाबला करने के लिए सजगता के साथ सेल्फ कॉन्फिडेंस को मजबूत करने की जरूरत है। 

लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस सभी के लिए एक बड़ी आपदा बन कर आया है। यह पूरी दुनिया में फैल चुका है। इससे मुकाबला करने के लिए सजगता के साथ सेल्फ कॉन्फिडेंस को मजबूत करने की जरूरत है। इसके संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि हम अपने मन की ताकत को समझें और उसे मजबूत करें। भोपाल की डॉक्टर ॠतु पांडेय शर्मा ने योग और ध्यान के लिए माइंडफुल तकनीक का सहारा लिया है। यह पद्धति अब काफी लोकप्रिय हो रही है। डॉक्टर ॠतु पांडेय शर्मा बीईंग माइंडफुल मैगजीन की एडिटर हैं, जिसका प्रकाशन भोपाल से होता है। कोरोना वायरस के इस संकट के दौरान उन्होंने मानसिक स्वास्थ को ठीक रखने और पॉजिटिव थिंकिंग को बढ़ावा देने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं।

1. सजग रहें
कोरोना वायरस के संक्रमण की आपदा ने लोगों को अपने जीवन के बारे में सोचने-समझने का एक मौका दिया है। इस मुश्किल भरे समय में भी हम अपने अपने आपको, अपने वर्तमान को माइंडफुलनेस के साथ जीकर संभाल सकते हैं। माइंडफुलनेस का मतलब है कि हम अपने वर्तमान पर फोकस करें। अभी ऐसा लगता है कि जीवन की गति मानो थम गई है। इस विपत्ति से सीख लेते हुए भविष्य को बदलने का प्रयास सिर्फ सजग रहकर ही किया जा सकता है। 

2. वैज्ञानिक सोच विकसित करें
इस महामारी को लेकर सतर्क रहें, लेकिन मन में किसी तरह का अंधविश्वास नहीं रखें। खुद को स्वस्थ रखें और कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने जो निर्देश जारी किए हैं, उनका पालन करें। अंधविश्वास से इस तरह के खतरों का सामना नहीं किया जा सकता है।

3. नकारात्मकता से बचें 
सुख-दुख को समान भाव से देखने की कोशिश करें। नकारात्मक या अन्य किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया न करें। समय के साथ अच्छी-बुरी घटनाएं होती रहती हैं। इनका मुकाबला स्थिर और शांत रह कर ही किया जा सकता है। इस विपत्ति में गरीब और असहाय लोगों की सहायता करें। उन्हें भोजन, दवाएं और जरूरत की जो चीजें संभव हो, मुहैया कराएं। इस बात के लिए कृतज्ञ महसूस करें कि आप स्वस्थ और सकुशल हैं। सबों के लिए सकारात्मक भाव से प्रार्थना करें। इससे सकारात्मक ऊर्जा की तरंगें चारों तरफ फैलेंगी।

4. चिंता से बचें
 रचनात्मकता के साथ इस समय का उपयोग अपनी इच्छा और रुचि के अनुसार करें। जो भी करें, चिंता से मुक्त होकर समर्पित भाव से करें। इस समय प्रकृति का सानिध्य किसी उपचार से कम नहीं है। हवा का स्पर्श, चिड़ियों की चहचहाट, साफ आसमान, पेड़-पौधे और धूप को अनुभव करें। 

5. जरूरतों को जानें
जीवन जीने के लिए जितना जरूरी और पर्याप्त है, उसकी लिस्ट बनाएं और बाकी चीजें किसी और को दे दें। किसी भी शारीरिक गतिविधि को पूरे ध्यान से करें, जैसे खाना खाने के दौरान सजग रहें। उस समय टीवी और मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करें। जिस समय जो करें, मन को भी वहीं रखें। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। एक विचार जब आता है तो अपने साथ विचारों की एक श्रृंखला ले आता है। इसलिए सजग रहें। मन और शरीर का संतुलन आपके हाथ में है।

6.  संकल्प के साथ काम करें
अपनी प्राथमिकताओं को समझने के बाद उन्हें पूरा करने के लिए संकल्प लें। छोटे-छोटे संकल्प पूरा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। भारतीय संस्कृति के मूल्यों को अपनाएं। आयुर्वेद हमारी अमूल्य निधि है। प्राकृतिक तरीके से जीने और अपने खाने-पीने की आदतों में सुधार अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर स्वस्थ रहें। आयुष विभाग की गाइडलाइन का पालन जरूर करें।