- Home
- Lifestyle
- Health
- चुकंदर बचा सकती हैं दिल की बीमारी से पीड़ित रोगियों का जीवन, जानें कैसे और कितने दिन करना है सेवन
चुकंदर बचा सकती हैं दिल की बीमारी से पीड़ित रोगियों का जीवन, जानें कैसे और कितने दिन करना है सेवन
- FB
- TW
- Linkdin
मैनचेस्टर में आयोजित कॉन्फ्रेंस में सब्जियों के रस के फायदों पर रिसर्च को रखा गया। जिसे ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (BHF) और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च द्वारा किया गया था। लंदन में सेंट बार्थोलोम्यू अस्पताल और क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि 16 प्रतिशत एनजाइना रोगियों (angina patients)में स्टेंट ( stent) लगाने के 2 साल बाद दिल का दौरा पड़ने या अन्य हार्ट से जुड़ी घटना हुई। लेकिन जब मरीजों को रोजाना चुकंदर का जूस दिया गया तो यह घटकर 7.5 प्रतिशत रह गया।
बता दें कि यूके (UK) में हर साल हजारों रोगियों के दिल में ब्लड वेसल्स में से एक को चौड़ा करने और उनके एनजाइना को कम करने के लिए स्टेंट लगाया जाता है। इस प्रक्रिया को पर्क्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) के रूप में जाना जाता है। इसमें से 10 प्रतिशत रोगियों को रेस्टेनोसिस का एहसास होता है। जबकि पीसीआई के 5 साल के भीतर फिर स्टेंट लगे मरीज का ब्लड वेसल संकरी हो जाती है। उनमें हार्ट डिजिज के लक्षण वापस आ जाते हैं।
मरीजों को चुकंदर का जूस पीने की सलाह देकर डॉक्टर जल्द ही इस तरह से स्टेंट फेल होने की आशंका को कम कर सकते हैं। चूकंदर का जूस रेस्टेनोसिस को रोककर एक और पीसीआई प्रक्रिया की आशंका को कम कर सकता है।
रिसर्च का नेतृत्व करने वाले विलियम हार्वे रिसर्च इंस्टीट्यूट, क्यूएमयूएल में क्लिनिकल सीनियर लेक्चरर डॉ कृष्णराज राठौड़ ने कहा कि चुकंदर के रस में अकार्बनिक नाइट्रेट पाया जाता है।यह एनजाइना रोगियों के स्थिति में बहुत सुधार करता है। हमारे रोगियों को यह ट्रीटमेंट पसंद आया क्योंकि यह पूरी तरह नेचुरल और प्राकृतिक प्रोडक्ट है जिसका कोई साइडइफेक्ट नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस टेस्ट को नेक्सट स्टेज में ले जाएंगे। इससे डॉक्टर स्टेंट लगे मरीजों को चुकंदर का जूस पीने के लिए लिख सकते हैं। ताकि उन्हें लंबे वक्त तक बीमारी से राहत मिलती रहे।
अकार्बनिक नाइट्रेट एक पोषक तत्व है जो मुंह में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले बैक्टीरिया द्वारा नाइट्राइट में परिवर्तित हो जाता है। जिसे बाद में शरीर में एंजाइम की ओर से सिग्नलिंग अणु नाइट्रिक ऑक्साइड (एनओ) में बदल दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रोगियों के ब्लड वेसल्स पर पॉजिटिव प्रभाव का कारण नाइट्रोजन ऑक्साइड बनता है। रिसर्च आगे बढ़ाने के बाद जल्द ही डॉक्टर चुकंदर का जूस अपने मरीजों के लिए प्रेसक्राइब्ड कर सकते हैं।
और पढ़ें: