सार
chickenpox Symptoms and prevention tips: बुखार, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षणों के साथ ये बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों जैसी कमजोर आबादी में चिकनपॉक्स से बड़ी समस्याएं पैदा हो रही हैं।
हेल्थ डेस्क : केरल में इस समय चिकनपॉक्स के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि पिछले 75 दिनों में राज्य में संक्रमण के कुल 6744 मामले सामने आए हैं और जिसमें से नौ मौतें भी हो चुकी हैं। चिकनपॉक्स, वैरिसेला-जोस्टर वायरस के कारण होता है, जो कि एक अत्यधिक संक्रामक रोग है। इसमें छोटे, लाल फफोले की खुजली वाली चकत्ते संक्रमित की बॉडी पर देखने को मिलते हैं। बात अगर पिछले साल की करें तो राज्य में 26,000 से ज्यादा मामले सामने आये थे।बुखार, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षणों के साथ ये बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। यह आमतौर पर बच्चों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन वयस्कों में भी हो सकता है। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों जैसी कमजोर आबादी में चिकनपॉक्स से बड़ी समस्याएं पैदा हो रही हैं।
कैसे फैलता है चिकनपॉक्स?
चिकनपॉक्स मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली सलाइवा से फैलता है। इसके अतिरिक्त, यह चिकनपॉक्स के फफोले से निकलने वाले तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकता है। ये वायरस अत्यधिक संक्रामक है, और व्यक्ति दाने निकलने से एक या दो दिन पहले से लेकर तब तक ज्यादा संक्रामक होता है जब तक कि सभी फफोले खत्म न हो जाएं। यह दूषित सतहों के संपर्क से इनडायरेक्टली रूप से भी फैल सकता है। यह वायरस आंख, नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है। खासकर स्कूलों या डेकेयर सेंटरों जैसे भीड़ भरे वातावरण में इम्युनिटी या टीकाकरण की कमी से चिकनपॉक्स होने का खतरा बढ़ जाता है।
चिकनपॉक्स के लक्षण
आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 10 से 21 दिन बाद शुरू होता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान और भूख न लगना शामिल हैं। कुछ दिनों के बाद दाने दिखाई देते हैं, जो छोटे, लाल धब्बों के रूप में शुरू होकर तरल पदार्थ से भरे फफोले में बदल जाते हैं। इन छालों में बहुत ज्यादा खुजली होती है और ये पूरे शरीर को ढक सकते हैं। अन्य लक्षणों में गले में खराश, पेट में दर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। दाने आमतौर पर लगभग 5 से 10 दिनों तक रहते हैं और फफोले, पपड़ी पड़ने के चरणों से गुजरते हैं। त्वचा में जीवाणु संक्रमण, निमोनिया या एन्सेफलाइटिस जैसी जटिलताएं हो जाती हैं।
चिकनपॉक्स से कैसे बचें
सबसे पहले वैक्सीनेशन है जो वायरस के खिलाफ प्रभावी प्रतिरक्षा प्रदान करता है। नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करें, आमतौर पर 12-15 महीने की उम्र में शुरू करें और 4-6 साल में बूस्टर खुराक दें। इसके अतिरिक्त, संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचना, विशेष रूप से उनकी संक्रामक अवधि के दौरान, संचरण के जोखिम को कम कर सकता है। अच्छी स्वच्छता बनाए रखना, जैसे नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोना और खांसते व छींकते समय मुंह ढंकना इसे रोक सकता है। यदि घर में किसी को चिकनपॉक्स है, तो उन्हें तब तक अलग रखें जब तक कि सभी घाव ठीक न हो जाएं। साथ ही इंफेक्शन को कम करने के लिए व्यक्तिगत वस्तुओं को शेयर करने से बचें।
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