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मीठा खाने की होती है क्रेविंग, तो हो जाएं सावधान दिमाग से जुड़ी हो सकती है ये घातक बीमारी
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डिमेंशिया आपकी याददाश्त, सोच और सामाजिक क्षमताओं को प्रभावित करने वाले लक्षणों को दिखाता है।इसका असर आपके रोजमर्रा की जिंदगी में किए जाने वाले काम पर दिखता है और यह धीरे-धीरे गंभीर हो सकता है। डिमेंशिया के सबसे आम प्रकारों में से एक है अल्जाइमर रोग। शुरुआत में यह याददाश्त के कम होने से जुड़ा है। हालांकि, फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया के अन्य संकेत हैं जिन्हें खारिज किया जा सकता है या गंभीरता से नहीं लिया जा सकता है। यह आपके व्यक्तित्व, व्यवहार और बोलने पर असर डालता है।
फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया क्या है?
फ्रंटोटेम्पोरल डिसऑर्डर (FTD) या फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया मस्तिष्क के फ्रंटल और टेम्पोरल लोब में न्यूरॉन्स के नुकसान की वजह से होता है।यह आमतौर पर 40-60 उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया दो प्रकार के होते हैं, फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया बिहेवियरल वेरिएंट (bvFTD) और प्राथमिक प्रगतिशील वाचाघात ( primary progressive aphasia )।
भोजन और डिमेंशिया का कनेक्शन
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, बिहेवियरल-वैरिएंट फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया (बीवीएफटीडी) व्यक्तित्व और बिहैवियर में बदलाव को दिखाता है। ऐसे में एक संकेत यह होता है कि आपके खानपान में बदलाव आ जाता है। जैसे आपको अलग खाने की इच्छा जगती है। मीठा खाने की क्रेविंग होने लगती है। इसके अलावा आप खाने के टेबल पर अजीब हरकत करते दिखाई देते हैं। जैसे बहुत ज्यादा खाना खाना, ज्यादा शराब पीना।
बीवीएफटीडी के अन्य लक्षण
खाने की आदतों में बदलाव के अलावा के अलावा बिहेवियरल-वैरिएंट फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया के कुछ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। जैसे जो काम आपको करना काफी पसंद था उसके प्रति बेरूख होना। लोगों के प्रति अनुचित व्यवहार। घूरना, लोगों से अधिक मिलना जुलना, सजेस्टिव कमेंट करना। इसके अलावा किसी के प्रति कम सहानुभूति रखना, काम पर फोकस नहीं होना, जुनूनी या दोहराव वाला व्यवहार और योजना, निर्णय लेने में कठिनाई होना। ऐसा हो सकता है कि आपके अंदर ये लक्षण नजर आ रहा हो, लेकिन आप इसपर गौर नहीं कर पा रहे होंगे।
प्राथमिक प्रगतिशील वाचाघात (PPA) के लक्षण
इसके मुख्य लक्षण में शामिल है स्पीच। यानी आप बोलने में परेशानी महसूस करने लगते हैं। शब्द याद नहीं होते हैं या फिर खोजने और समझने में कठिनाई महसूस होती है। वस्तुओं का क्या रोल है वो क्या करती है इन सबसे जुड़ी स्मृति लॉस होने लगती है। वाक्य बनाना और व्याकरण का सही प्रयोग करने में कठिनाई महसूस करने लगते हैं। बोलते-बोलते आप रूक सकते हैं, क्योंकि आपको सही शब्द नहीं मिलता है।
ट्रीटमेंट
डिमेंशिया को बीमारी नहीं बल्कि सिंड्रोम है और इसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन कुछ लक्षणों को रोकने के लिए ट्रीटमेंट मौजूद है। जैसे अधिक खाना खाना, एग्रेसिव व्यहार, बोलने में दिक्कत में डॉक्टरों की ओर से तैयार एंटीडिप्रेसेंट से कंट्रोल किया जा सकता है।
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