मोबाइल का क्या है स्पर्म से कनेक्शन?, रिसर्च में SHOCKING खुलासा
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फोन का ज़्यादा इस्तेमाल पुरुषों के लिए खतरनाक हो सकता है, ये एक नई रिसर्च में सामने आया है। दिनभर ज़्यादा समय मोबाइल इस्तेमाल करने वाले पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने की बात इस रिसर्च ने साबित की है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज़्यादा फ़ोन यूज़ स्पर्म की फर्टिलिटी के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है।
आजकल बच्चे से लेकर जवान तक, ज़्यादातर समय मोबाइल में बिताते हैं। हो सकता है आप भी उनमें से एक हों। ऑफिस का काम हो या रील्स देखना, आजकल लोग अपने फ़ोन में ही व्यस्त रहते हैं। फ़ोन का ज़्यादा इस्तेमाल पुरुषों की फर्टिलिटी पर बुरा असर डालता है।
स्विस पुरुषों पर की गई एक रिसर्च में पाया गया कि जो पुरुष ज़्यादा फ़ोन इस्तेमाल करते हैं, उनमें स्पर्म की डेंसिटी कम होती है। एक दूसरी स्टडी में बताया गया है कि जो पुरुष दिन में 20 बार से ज़्यादा फ़ोन इस्तेमाल करते हैं, उनमें स्पर्म डेंसिटी 21% और कुल स्पर्म काउंट 22% तक कम हो जाता है।
कुछ स्टडीज़ में ये भी पाया गया है कि लंबे समय तक मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल स्पर्म की मूवमेंट को कम कर सकता है। मोबाइल रेडिएशन के लगातार संपर्क में रहने से स्पर्म के डीएनए को नुकसान पहुँच सकता है। मोबाइल रेडिएशन ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को भी बढ़ाता है, जिससे पुरुषों के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को नुकसान हो सकता है।
स्पर्म काउंट कम क्यों होता है?
खाने और हवा के ज़रिए एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स शरीर में पहुँचते हैं, जो दूसरे हार्मोन्स पर असर डालते हैं।
प्रदूषण की वजह से भी पुरुषों का स्पर्म काउंट कम हो रहा है।
ज़्यादा स्मोकिंग और शराब पीने से भी स्पर्म काउंट पर असर पड़ता है।
मोटापा और खराब खानपान भी स्पर्म काउंट कम करता है।
पुरुषों के सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन में गड़बड़ी से भी स्पर्म काउंट कम होता है। स्पर्म से जुड़ी जेनेटिक बीमारियाँ, प्राइवेट पार्ट्स में इंफेक्शन और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिज़ीज़ गोनोरिया से भी स्पर्म काउंट कम होने का खतरा रहता है।