सार
आज हम आपको बताते हैं चाइनीज काली मंदिर के बारे में, जो कोलकाता के प्रसिद्ध तंगरा क्षेत्र में स्थित है जिसे "चाइना टाउन" भी कहा जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क : शारदीय नवरात्रि (Navratri 2022) की रौनक इस समय हर जगह देखी जा रही है। जगह-जगह मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जा रही है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि ऐसे मंदिर के बारे में जिसका नाम तो चाइनीज काली मंदिर है, लेकिन यह चाइना में नहीं बल्कि भारत में ही स्थित है और यहां की सबसे खास बात यह है कि यहां भारत के अन्य मंदिरों की तरह काली माता को मिठाई का भोग नहीं लगाया जाता, बल्कि नूडल्स, फ्राइड राइस और चॉप सुई भोग चढ़ाया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं इस मंदिर के बारे में...
कहां है चाइनीज काली मंदिर
चाइनीज काली मंदिर (Chinese Kali Temple) कोलकाता के प्रसिद्ध तंगरा क्षेत्र में स्थित है जिसे "चाइना टाउन" भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह मंदिर 80 साल पुराना बताया जा रहा है। मंदिर के निर्माण से पहले लोग साइड पर एक पेड़ के नीचे सिंदूर के साथ दो ग्रेनाइट पत्थरों की पूजा करते थे। फिर बंगाली और चीनी समुदाय के लोगों ने कोलकाता के तंगरा में चीनी काली मंदिर का निर्माण करने के लिए एक साथ आए थे। इस क्षेत्र में तिब्बती और पूर्वी एशियाई संस्कृति का मिश्रण देखने को मिलता है, जो इसे एक बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस भी बनाता है। यहां साल भर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है। खासकर दुर्गा पूजा के दौरान यहां की रौनक देखते ही बनती है।
काली मां को लगाया जाता है खास भोग
यहां का मंदिर और मूर्ति भारत के किसी भी अन्य देवी काली मंदिर की तरह ही दिखती हैं। लेकिन जो चीज इसे सबसे अलग बनाती है वह है प्रसाद। इस मंदिर में चीनी व्यंजन जैसे नूडल्स, चॉप सुई, फ्राइड राइस और कई अन्य व्यंजन भी देवी काली को चढ़ाए जाते हैं। भोग लगाने के बाद इसे भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।
विशेष है यहां की पूजा
इस मंदिर की दिलचस्प बात यह है कि एक बंगाली पुजारी देवी की पूजा करता है और बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए यहां हस्तनिर्मित कागज जलाए जाते हैं। दिवाली के दौरान यहां दीए नहीं चीनी अगरबत्ती के साथ यहां लंबी मोमबत्तियां जलाई जाती हैं।
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