सार
कहते हैं एक पिता अपने बेटे का प्रेरणास्त्रोत होता है। वो उसे देखकर सीखता है और दुनिया से मुकाबला करता है। लेकिन जब बेटे को अपने पिता की करतूत का पता चले तो उसे झटका लगता है। इस केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ।
रिलेशनशिप डेस्क.मां-पापा एक साथ खुश थे। पूरा घर खुशहाल था तब तक जब तक कि मैंने पापा की वो काली करतूत लैपटॉप पर नहीं देखी। ये कहानी 22 साल के जीवम की है। जिसके माता-पिता अब अलग है और खुद को इसका जिम्मेदार मानता है। उसे लगता है कि वो सिचुएशन को संभाल सकता था, लेकिन गुस्से में आकर उसने अपना ही घर तोड़ दिया। आइए जानते हैं जीवम की पूरी कहानी और रिलेशनशिप एक्सपर्ट की क्या राय है।
जीवम का कहना है कि, मैं अपने माता-पिता के अलग होने के लिए खुद को जिम्मेदार मानता हूं। कुछ महीने पहले मुझे अपने पिता और दूसरी महिला के अंतरंग मैसेज दिखे, जिससे पता चला कि उनका अफेयर चल रहा है। हालांकि मैं उनकी जासूसी नहीं कर रहा था। मैंने किसी काम से उनका लैपटॉप खोला था और वो मैसेज मुझे वहां दिख गए। मैं गुस्से में लाल हो गया। क्योंकि मैसेज प्राइवेट गुफ्तगु के थे। मैंने ये सारी बात मां को बता दी। जिसके बाद वो पागल हो गई। उन्होंने पिता को घर से निकाल दिया। वो रोती रहीं।
वो आगे बताते हैं कि एक दिन वो माफी मांगने आए और मैंने उनसे कहा कि वो वापस चले जाए, क्योंकि पूरा परिवार आप से नफरत करता है। और भी बहुत सारी बातें उन्हें सुनाई। लेकिन जब घटना के कई हफ्ते गुजर गए हैं और मेरे पिता उस महिला से नहीं मिल रहे हैं। मां अभी भी दुखी है। तो मुझे लग रहा है कि मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी। मैं सिचुएशन को और अच्छे से संभाल सकता था। घर बचा सकता था। मुझे चिंता है कि मैंने उनके और मेरे बीच चीजों को खराब कर दिया है। मैं चाहता हूं कि माता-पिता साथ आ जाए। मेरी मां दुखी है और मुझे क्या करना चाहिए समझ नहीं आ रहा है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट की राय-ऐसा लगता है कि आप इसके लिए खुद को दोषी मान रहे हैं और यह आपकी गलती नहीं है । उन मैसेज को देखकर आप विचलित हो गए थे। आपके पिता ही हैं जिन्होंने गड़बड़ की है और आप सभी को निराश किया है। ऐसा कुछ पता चलना चौंकाने वाला और परेशान करने वाला है, और जब तक ऐसा नहीं होता तब तक आप नहीं जानते कि आप कैसे प्रतिक्रिया देंगे।यदि आप फिर से अपने पिता के करीब रहना चाहते हैं,तो यह संभव है। अगर पिता अब आप लोगों से नहीं मिल रहे हैं तो वो सकता है कि वो अपराधबोध महसूस कर रहे हैं। खुद को वक्त दे रहे हैं।
यदि अपनी बात को आमने-सामने रखना अभी बहुत भारी लग रहा है, तो उन्हें एक ईमेल लिखें जिसमें बताएं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं।इसमें यह भी जोड़ें कि भले ही आप उनके द्वारा किए गए काम से नफरत करते हों, लेकिन आप उनसे नफरत नहीं करते। उम्मीद है, इससे कुछ ईमानदार और मददगार बातचीत भी होगी। घर टूटने का जिम्मेदार खुद को ना मानें। मां के साथ रहे और उन्हें भी समझा सकते हैं।
(ब्लैक डायरी एशियानेट की एक ऐसी सीरीज है,जिसमें हम रिश्तों से जुड़े राज,समस्या के बारे में बताते हैं जिसे खुलकर लोग बता नहीं पाते हैं। इस सीरीज के माध्यम से जो लोग हमें अपनी कहानी बताते हैं, हम उनका नाम बदलकर आप तक लेकर आते हैं। इसके साथ एक्सपर्ट की राय भी देते हैं, ताकि समस्या का निदान हो सके।ब्लैक डायरी में सभी तस्वीरें सांकेतिक होती हैं। )