Bottle Gournd In Balcony: अगर आपके पास छोटी सी बालकनी है, तो आप वहां भी लौकी उगा सकते हैं। यहां हम कुछ आसान स्टेप्स बता रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप घर पर केमिकल-फ्री लौकी की फसल तैयार कर सकते हैं। 

Planting Tips: बागवानी का शौक होते हुए भी प्लाटिंग नहीं करते हैं। वो स्पेस को लेकर सोचते हैं कि इतने कम जगह में कैसे कुछ उगा सकते हैं। लेकिन अगर आपके पास छोटी सी भी बालकनी हो, तो आप उसमें बहुत ज्यादा तो नहीं पर कुछ पौधे जरूर उगा सकते हैं। उसी में एक हैं, लौकी। कम स्पेस में भी आप लौकी की फसल पा सकते हैं। यहां पर हम आपको बताएंगे बालकनी में लौकी उगाने के 5 आसान स्टेप्स।

सही गमला और मिट्टी चुनें

सबसे पहले लौकी का पौधा लगाने के लिए 14-18 इंच गहरा गमला चुनें। जिसमें नीचे ड्रेनेज होल हों, ताकि पानी जमा न हो। गमले से पानी की निकासी बहुत जरूरी है। मिट्टी के लिए कंपोस्ट, गोबर की खाद, रेत या परलाइट का मिश्रण बनाएं। यह मिश्रण मिट्टी में नमी बनाए रखता है, पौधे को पोषण देता है और जड़ों को हवा पहुंचाता है।

बीज बोना और अंकुरण

बीज बोने से पहले लौकी के बीजों को रातभर पानी में भिगो दें, इससे अंकुरण जल्दी होता है। एक गमले में 2-3 बीज लगभग 1-2 इंच गहराई में बोएं। जब पौधे उग आएं, तो सबसे स्वस्थ पौधे को छोड़कर बाकी निकाल दें, ताकि जड़ों को जगह मिल सके। गर्म मौसम में अंकुरण आमतौर पर 7 से 14 दिन में हो जाता है। मिट्टी को हल्का नम रखें और नियमित रूप से पानी दें।

धूप और सहारा दें

लौकी के पौधे को 6 से 8 घंटे सीधी धूप की जरूरत होती है। पौधे को चढ़ने के लिए बांस की छड़ें, जाली या ट्रेलिस लगाएं। इससे बेल ऊपर की ओर बढ़ेगी और इससे आपकी बालकनी में जगह भी बचेगी। वर्टिकल ग्रोथ से पौधे को पर्याप्त धूप और हवा मिलती है और फसल तुड़ाई भी आसान हो जाती है।

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सिंचाई और खाद देना

मिट्टी को हमेशा नमीदार रखें, लेकिन बहुत ज्यादा गीला न करें। फूल और फल आने के समय पानी की मात्रा थोड़ी बढ़ा दें। हर 2-3 हफ्ते में ऑर्गेनिक खाद जैसे वर्मीकंपोस्ट, गोबर की खाद या सीवीड लिक्विड डालें। मल्चिंग (Mulching) करने से मिट्टी की नमी बनी रहती है और टेंपरेचर नियंत्रित रहता है।

तुड़ाई और कीट नियंत्रण

लौकी को तब तोड़ें जब उसका आकार 8 से 12 इंच के बीच हो। जल्दी तुड़ाई करने से पौधे में लगातार फल लगते रहते हैं। कीट जैसे एफिड्स (aphids) या पाउडरी मिल्ड्यू (powdery mildew) दिखें तो नीम तेल का छिड़काव करें। सूखे या पीले पत्ते हटा दें ताकि पौधे में हवा का संचार बना रहे और एनर्जी फल के विकास में लगे।

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