सार
चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2023) की धूम शुरू हो गई है। 22 मार्च से हर जगह मां दुर्गा के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। मध्य प्रदेश के देवास में नवरात्रि में भक्तों की भीड़ उमड़ती है माता तुलजा भवानी और माता चामुंडा के दर्शन करने के लिए।
लाइफस्टाइल डेस्क. मध्य प्रदेश के देवास में एक मंदिर हैं जहां माता दुर्गा दो बहनों के रूप में यहां विराजी हैं। तुलजा भवानी और माता चामुंडा के मंदिर में चैत्र नवरात्रि में भक्तों की भीड़ उमड़ी है। पूरे नवरात्रि इस माता के मंदिर में 24 घंटे पट खुले होते हैं। यहां आने वाले भक्त एक अनोखी परंपरा को निभाते हैं। माता की भक्ति में डूब श्रद्धालु पान का बीड़ा अर्पण करते हैं।
माता की आरती इतने बजे होती है
नवरात्रि के एक दिन पहले माता तुलजा भवानी और मांता चामुंडा का 16 श्रृंगार किया जाता है। मंदिर में सुबह 6 बजे माता तुलजा भवानी की आरती होती है। इसके बाद 6.15 में माता चामुंडा की आरती होती है। वैसे तो सालों भर यहां माता के दर्शन करने श्रद्धालु पहुंचे हैं। लेकिन दो देवियों के वास वाली जगह देवास में पूरे नवरात्रि भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
निभाई जाती है अनोखी परंपरा
नवरात्रि में 24 घंटे माता का पट खुला रहता है। मतलब 24 घंटे भक्त माता के दर्शन कर सकते हैं। कहा जाता है कि देवास के मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारी नाथ संप्रदाय के होते हैं। सदियों से वहीं यहां पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। माता के दोनों स्वरूप भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करती हैं। इतना ही नहीं यहां दो अनोखी परंपरा सालों से निभाई जा रही हैं। पहली की यहां पर माता को पान का बीड़ा खिलाया जाता है। दूसरा यहां उल्टा साथिया बनाने की प्रथा है।
पूरे नवरात्रि भंडारे का होता है आयोजन
देवास में कई मंदिर हैं। जिसमें 9 माता, बजरंग बाबा, भैरव बाबा समेत कई देवी देवताओं की मंदिर है। देश भर से लोग यहां पर देवी देवताओं के दर्शन करने पहुंचते हैं। पूरे नवरात्रि यहां भंडारे का आयोजन होता है। कोई भी इंसान भूखा नहीं रहता हैं। यहां पहुंचने के लिए लोग बस सेवा, ट्रेन सेवा लेते हैं। कई लोग खुद के वाहन से यहां पहुंचते हैं।
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