Rangoli for kali chaudas 2025: नरक चौदस और दिवाली के लिए रंगोली डिजाइन की तलाश है तो इस बार थोड़ी सी क्रिएटिविटी दिखाते हुए आसान से लेकर बिग सर्किल रंगोली बनाएं। ये घर की चौखट को सुंदर बनाने के साथ भगवान की कृपा भी लेकर आएगी।

Rangoli Design: बिना रंगोली दीपावली का त्योहार अधूरा माना जाता है। धार्मिक महत्व के साथ ये आजकल फैशन सा बन गया है। इस बार आप भी घर को रंग-बिरंगी रंगोली से सजाना चाहते हैं तो यहां देखें आसान और सुंदर रंगोली की डिजाइन दीवाली के लिए। जिसे देख मेहमान तारीफ किए बिना तो नहीं रह पाएंगे। इतना ही नहीं आप इसे छोटी दीपावली पर भी बना सकते हैं। 

ट्रेडिशनल रंगोली डिजाइन फॉर दीवाली

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रंगोली बनाना जानती है तो इस बार थोड़ी सी मेहनत करते हुए फूल और गोल रंगोली से हटकर Big Rangoli Design बनाएं। यहां पर बड़े से सर्किल को दो भागों में बांटा गया है। एक तरफ रोशनी,दीपक का जिक्र है तो दूसरी तरफ भगवान और सीता जी का चित्रण है। दीपावली के दिन ही प्रभु राम 14 सालों का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे। आप भी ऐसा ही कुछ ट्राई करें। ये डिजाइन घर की चौखट पर ज्यादा प्यारी लगेगी।

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मोर रंगोली की डिजाइन

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दीपावली का पर्व लाइट और दीयों के लिए जाना जाता है। आप भी रंगोली में उत्सव का जश्न मनाते हुए इस तरह की मयूर रंगोली (Mor Wali Rangoli) बना सकते हैं। यहां फुल सर्कल में हैप्पी दीवाली लगते हुए किनारों को उभार दिया गया है। एक तरफ अलग-अलग कलर से पोरपंख बने है तो दूसरी तरफ मोर ही बनाई गई है जोकि बहुत सुंदर लग रही है। आप इसे मेन डोर या फिर पूजाघर के लिए चुन सकते हैं।

रंगोली की डिजाइन

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राउंड शेप पर इस तरह की रंगोली बनाना बहुत आसान है। अगर आपके पास ज्यादा वक्त नहीं है तो इसे चुन सकते हैं। यहां गोलाकार आकृति के बीच में लाइट्स बनाते हुए Happy Diwali लिखा है। जबकि किनारों पर बनें छोटे-छोटे गोले और भी प्यारे लग रहे हैं। 

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सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल

घर पर रंगोली किस जगह पर बनानी चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार रंगोली को प्रवेश द्वार, पूजा घर या घर के आंगन पर बनाना शुभ माना जाता है। कभी भी बेडरूम, किचन या फिर मुख्य दरवाजों के किनारों पर इसे नहीं बनाना चाहिए।

रंगोली को किन नामों से जाना जाता है?

यूपी से लेकर केरल तक रंगोली के अलग-अलग नाम है। उत्तर भारत में रंगोली क चौक पूरन, मांडना, अरिपन, ऐपण, अदूपना भी कहते हैं। वहीं, दक्षिण भारत में इसे कोलम, मुग्गु, रंगवल्ली और लिखथापा भी कहा जाता है।

अल्पना रंगोली क्या होती है?

बंगाल और पूर्वी भारत में अल्पना रंगोली प्रचलित है। इसे बनाने के लिए रंगों की बजाय सफेद आटे, हल्दी और लाल कुमकुम का इस्तेमाल किया जाता है।

किस प्रकार की रंगोली सबसे अच्छी होती है?

दीवाली पर स्वस्तिक, शुभ लाभ, लक्ष्मी चरण, कमल वाली रंगोली, दीये वाली रंगोली के अलावा लक्ष्मी चरण रंगोली को शुभ माना जाता है।